Home Disha Bhoomi News नोएडा में एक महीने पहले अगवा हुआ बच्चा बरामद, एक लाख रुपये के लालच में दादा ने ही किया था एक महीने पहले अगवा हुआ बच्चा बरामद, अपहरण

नोएडा में एक महीने पहले अगवा हुआ बच्चा बरामद, एक लाख रुपये के लालच में दादा ने ही किया था एक महीने पहले अगवा हुआ बच्चा बरामद, अपहरण

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नोएडा सेक्टर-49 सर्फाबाद निवासी वीरेंद्र ने 11 सितंबर को पुलिस को शिकायत दी थी कि उसका साढ़े तीन साल का बेटा रौनक सुबह 9 बजे घर के बाहर खेल रहा था। इसी बीच किसी ने उसका अपहरण कर लिया। परिजनों ने काफी तलाश की, लेकिन बच्चा नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

जांच के दौरान पुलिस ने बुधवार दोपहर को बदायूं के बुटल दौलत हाल सर्फाबाद निवासी यतबीर और बदायूं के दूनपुर निवासी हसमत को हल्दौनी मोड़ से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी यतबीर ने बताया कि वह पीड़ित वीरेंद्र का फूफा है। उसकी हसमत से पुरानी दोस्ती है। उसने बताया कि हसमत की कोई संतान नहीं है। वह एक बच्चे को गोद लेना चाहता था। इसके बारे में हसमत ने यतबीर से बताया। यतबीर ने बताया कि वह बच्चे की व्यवस्था करा देगा। इसके एवज में आरोपी यतबीर ने डेढ़ लाख रुपये खर्च करने की बात कही। इस पर हसमत ने भी हामी भर दी।

पुलिस ने इस मामले में बच्चे के रिश्ते के दादा सहित एक महिला और उसके पति को गिरफ्तार किया है। आरोपी दादा ने डेढ़ लाख रुपये के लालच में अपहरण कर अपने दोस्त को बच्चा सौंप दिया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

डीसीपी राजेश एस. ने बताया कि रुपयों के लालच में आरोपी यतबीर ने अपने भतीजे वीरेंद्र के बेटे रौनक का अपहरण करने की साजिश रच डाली। वह 12 सितंबर की सुबह वीरेंद्र के घर पहुंच गया। जब वीरेंद्र और उसकी पत्नी काम पर चले गए तो आरोपी ने रौनक का अपहरण कर लिया और उसे हसमत को सौंप दिया। फिर हसमत बच्चे को अपने मकान हल्दौनी मोड़ पर लेकर पहुंचा। यहां पर हसमत की पत्नी शमा मौजूद थी। इसके बाद दोनों बाइक से बच्चे को लेकर अपने गांव बदायूं के दूनपुर चले गए, जबकि आरोपी यतबीर बच्चे को तलाश करने में वीरेंद्र के साथ नाटक करता रहा। पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर बच्चे को दूनपुर से हसमत के घर से सकुशल बरामद कर शमा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से वारदात में प्रयोग बाइक और दो मोबाइल बरामद किए हैं। पुलिस ने औपचारिकता पूरी करने के बाद बच्चे को उसके परिजनों को सौंप दिया।

आरोपी ने 25 हजार रुपये एडवांस लिए थे

एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपी यतबीर ने बच्चे को सौंपने से पहले हसमत से 25 हजार रुपये एडवांस ले लिए थे। बाकी रकम कुछ दिन बाद देने की बात तय हुई थी। आरोपी हसमत ऑटो चलाता है, जबकि यतबीर मजदूरी करता है।

गांव में बताया, बच्चा गोद लिया है

आरोपी हसमत जब बच्चे को गांव ले गया तो उसने पड़ोसियों से कहा कि उसने गरीब के बच्चे को गोद लिया है। डीसीपी ने बच्चे को तलाश करने वाली टीम को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

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