गाजियाबाद। महामेधा को-ऑपरेटिव बैंक में हुए सौ करोड़ रुपये के घोटाले में गिरफ्तारी शुरू हो गई हैं। सीआईडी ने पहले आरोपी के तौर पर सोमवार को नोएडा सेक्टर-40 निवासी प्रॉपटी कारोबारी अमित कसाना को गिरफ्तार किया है। सीआईडी ने देर शाम नगर कोतवाली में उसे दाखिल कर दिया। ऑडिट में घोटाला सामने आने पर पिछले साल बैंक की प्रबंध समिति के पूर्व पदाधिकारियों व बैंक अधिकारियों समेत 24 लोगों पर केस दर्ज कराया गया था। सहकारिता विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक देंवेंद्र सिंह ने सितंबर 2020 में नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया था। रिपोर्ट के मुताबिक महामेधा बैंक को आरबीआई द्वारा 27 फरवरी 2001 को बैंकिंग कारोबार की अनुमति प्रदान की गई। बैंक का मुख्यालय नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित नई बस्ती गाजियाबाद में था। बैंक द्वारा गबन, धन अपहरण व वित्तीय अनियमितताओं के चलते आरबीआई ने 11 अगस्त 2017 को बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया। साथ ही शासन ने जांच बैठा दी। 27 जून 2018 को विशेष ऑडिट कराने की अनुमति प्रदान की गई। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता ने 28 जनवरी 2019 को गबन के दोषियों पर केस दर्ज कर रिकवरी के आदेश दिए थे। तहरीर के आधार पर नगर कोतवाली पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। मामले की जांच उसी वक्त सीआईडी को ट्रांसफर कर दी गई थी। सीआईडी के क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ की टीम ने सोमवार को सेक्टर-40 निवासी प्रॉपर्टी कारोबारी अमित कसाना को गिरफ्तार कर लिया। सीआईडी के मुताबिक अमित कसाना केस में नामजद नहीं था, लेकिन जांच के दौरान घोटाले में उसकी भूमिका सामने आई थी।
प्लॉट दिलाने के नाम पर ठगी कर चुका है अमित कसाना पुलिस के मुताबिक अमित कसाना के नोएडा स्थित आवास में भी महामेधा बैंक की एक शाखा खुली थी। इसके अलावा सोसायटी बनाकर लोगों को प्लॉट दिलाने की योजना निकाली थी। प्लॉट दिलाने के नाम पर उसने लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। अपने कारोबार को बढ़ाने में अमित कसाना ने महामेधा बैंक के द्वारा लोगों के पैसे का इस्तेमाल किया।
एसपी सिटी निपुण अग्रवाल : महामेधा बैंक में हुए घोटाले में सीआईडी ने एक आरोपी को जिला एमएमजी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया है। सीआईडी ने उसे नगर कोतवाली में दाखिल कराया है। मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।