मोदीनगर। ऐसा नहीं है कि आनलाइन गेम से पैसा कमाने का जाल शहर में ही फैला बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी पकड़ मजबूत होती जा रही है। स्थिति ये है कि बिना मेहनत किए पैसे कमाने के लालच में कोई मजदूरी को भूल गया तो किसी ने पढ़ाई ही छोड़ दी। क्योंकि वह मोबाइल पर खेले जाने वाले इन गेम के चक्कर में पड़ कर कमाई करने में लगे हैं।
मोदीनगर तहसील क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांव के किशोर व युवा इन ऑनलाइन मोबाइल गेम की लत में पड़ गए हैं। जिनसे उनके अभिभावक भी परेशान हैं। आनलाइन गेम विंजो आदि अब शहरों के बाद देहात क्षेत्र में भी तेजी से पैर पसार रहा है। औरंगाबाद गदाना, बेगमाबाद, याकूतपुर मवी, फफराना, सारा, निवाड़ी आदि के युवा-किशोर पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर आनलाइन गेम के सहारे कमाई कर रहे है। आनलाइन खेले जाने वाले इस खेल में खिलाड़ी आपस में धनराशि लगाते हैं। जीतने के बाद कुल धनराशि जीतने वाले खिलाड़ी के खाते में पहुंच जाती है। ऐसी स्थिति में इन गावों में अब दैनिक मजदूरी करने वाले लोग भी मोबाइल फोन पर गेम खेल कर पैसा कमा रहे है। यही वजह है कि मजदूरों की संख्या कम होने से दिहाड़ी भी महंगी होती जा रही है। हालांकि इस गेम के जाल में फंसे किशोरों के परिजन जरूर परेशान हैं। क्योंकि वह चाहते हैं कि ये गेम बंद हो। ताकि बच्चे भी इससे दूर होकर पढ़ाई आदि करें।
क्या कहते हैं अभिभावकः अभिभावक बिजेन्द्र सिंह कहते है कि आनलाइन मोबाइल गेम के सहारे कमाई की धुन में बच्चे पढ़ाई लिखाई से दूर होते जा रहे हैं। दिन भर मोबाइल गेम में ही लगे रहते हैं। सरकार को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन पर रोक लगाई जानी चाहिए।
अभिभावक रीता रानी कहती है कि इन दिनों मोबाइल पर विंजो नाम का गेम चल रहा है। इस गेम के सहारे युवा व किशोर कमाई कर रहे। पढ़ाई से दूर हो रहे हैं, मेहनत मजदूरी भी नहीं करना चाह रहे। इस पर जनहित में रोक लगनी चाहिए।
मोदीनगर तहसील क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांव के किशोर व युवा इन ऑनलाइन मोबाइल गेम की लत में पड़ गए हैं। जिनसे उनके अभिभावक भी परेशान हैं। आनलाइन गेम विंजो आदि अब शहरों के बाद देहात क्षेत्र में भी तेजी से पैर पसार रहा है। औरंगाबाद गदाना, बेगमाबाद, याकूतपुर मवी, फफराना, सारा, निवाड़ी आदि के युवा-किशोर पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर आनलाइन गेम के सहारे कमाई कर रहे है। आनलाइन खेले जाने वाले इस खेल में खिलाड़ी आपस में धनराशि लगाते हैं। जीतने के बाद कुल धनराशि जीतने वाले खिलाड़ी के खाते में पहुंच जाती है। ऐसी स्थिति में इन गावों में अब दैनिक मजदूरी करने वाले लोग भी मोबाइल फोन पर गेम खेल कर पैसा कमा रहे है। यही वजह है कि मजदूरों की संख्या कम होने से दिहाड़ी भी महंगी होती जा रही है। हालांकि इस गेम के जाल में फंसे किशोरों के परिजन जरूर परेशान हैं। क्योंकि वह चाहते हैं कि ये गेम बंद हो। ताकि बच्चे भी इससे दूर होकर पढ़ाई आदि करें।
क्या कहते हैं अभिभावकः अभिभावक बिजेन्द्र सिंह कहते है कि आनलाइन मोबाइल गेम के सहारे कमाई की धुन में बच्चे पढ़ाई लिखाई से दूर होते जा रहे हैं। दिन भर मोबाइल गेम में ही लगे रहते हैं। सरकार को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन पर रोक लगाई जानी चाहिए।
अभिभावक रीता रानी कहती है कि इन दिनों मोबाइल पर विंजो नाम का गेम चल रहा है। इस गेम के सहारे युवा व किशोर कमाई कर रहे। पढ़ाई से दूर हो रहे हैं, मेहनत मजदूरी भी नहीं करना चाह रहे। इस पर जनहित में रोक लगनी चाहिए।