गाजियाबाद। अलग-अलग तरीके अपनाने वाले साइबर जालसाज अब ऑनलाइन गेम से लोेगों को ठग रहे हैं। लिंक और व्हॉट्सएप ग्रुप के जरिये ठगी का जाल फैलाने वाले गिरोह ने दिल्ली-एनसीआर इलाके के ढाई सौ लोगों को अपना शिकार बनाया है।  करीब सौ करोड़ से भी अधिक की ठगी कर चुका यह गैंग पुलिस के रडार पर आ गया है। साइबर अपराधियों ने इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) एप के जरिये ठगी का यह जाल फैलाया है। एप डाउनलोड कराने के बाद नए सदस्य को सुपरवाइजर बनाया जाता। इसके बाद टास्क का लेवल बढ़ाकर और रकम ट्रांसफर कराई जाती है। इसके बाद पेनाल्टी और वॉलेट से रकम निकालने के नाम पर पैसे लिए जाते हैं। दूसरे तरीके में साइबर जालसाज ऑनलाइन गेम का लिंक भेजते हैं। बाद में उनसे रकम ऐंठकर गेम की हलचल बंद हो जाती है। तब जाकर पीड़ितों को ठगी का अहसास होता है। व्हॉट्सएप ग्रुप बनाकर दिए जाते हैं साथ ही किसी भी तरह के अपडेट या पॉलिसी में बदलाव की जानकारी भी इसी ग्रुप पर दी जाती है। वॉलेट में पैसा फंसने, सदस्यों के ब्लैकलिस्टेड होने की जानकारी देने का प्लेटफॉर्म भी यही व्हॉट्सएप ग्रुप होता है।

पुलिस की मानें तो ऑनलाइन गेम और घर बैठे नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग में विदेशी भी शामिल हैं।  उनमें 4 से 10 तक एडमिन थे। साथ ही इन एडमिन में कुछ विदेशी नंबर भी थे। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि गिरोह विदेश से संचालित हो रहा है। पीड़ितों में विजयनगर के प्रताप विहार सेक्टर-11 निवासी स्नातक की छात्रा हिर्वांशी, विजयनगर सेक्टर-12 निवासी शैलेंद्र, प्रताप विहार सेक्टर-11 निवासी गौरव गुप्ता व प्रतीक गुप्ता भी शामिल हैं। इनके मुताबिक व्हॉट्सएप ग्रुप सिर्फ वन-वे होता है। उसमें एडमिन के अलावा कोई मेसेज नहीं कर सकता। पुलिस के रडार पर आया गिरोह ऑनलाइन गेम और घर बैठे नौकरी करने वाला गिरोह पुलिस के रडार पर है। बताया जा रहा है कि गिरोह ने बड़े पैमाने पर पूरे देश में नेटवर्क फैलाया हुआ है। साथ ही अब तक सौ करोड़ से अधिक की ठगी का अंदेशा है। गिरोह के कुछ सदस्यों तक पुलिस पहुंच भी गई है। अधिकारियों का कहना है कि गिरोह पर काम किया जा रहा है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

 

 

 

 

 

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