मोदीनगर
मेरठ की सुरक्षा एजेंसी के प्रबंधक को हनीट्रैप में फंसाकर 10 लाख रंगदारी मांगने के मामले में फरार दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया। इनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त कार व 3500 बरामद हुए हैं। वारदात को अंजाम पांच आरोपियों ने दिया था, जिसमे पुलिस तीन को पहले ही पकड़कर जेल भेज चुकी है। दो लगातार फरार चल रहे थे। रविवार को गिरफ्तारी हुई है। एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र के गांव धौलड़ी युसुफ और मुजफ्फरनगर जिले के बुढाना का मोनू उर्फ मुनेंद्र हैं। आरोपी युसुफ, माेनू, आरती, मेहराज व वसी मोहम्मद ने मेरठ की सुरक्षा एजेंसी के प्रबंधक प्रमोद कुमार को ठगने के लिए योजना तैयार की थी। आरती को प्रमोद के यहां नौकरी के भेजा था। वहां नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई। लेकिन आरती आधार कार्ड लेकर नहीं गई थी। उन्होंने प्रमोद से कहा जब मोदीनगर की तरफ अाना हो तो वहां से आधार कार्ड ले लेना। कुछ दिन बाद ही प्रमोद आरती के घर निवाड़ी रोड पर पहुंच गए। वहां जैसे ही अंदर गए तो आरती नग्न अवस्था में थी। इसी बीच युसुफ, मोनू, मेहराज व वसी अंदर आए और खुद को सीबीआई अधिकारी, एसओजी टीम व पत्रकार बताने लगे। उनके अश्लील फोटो व वीडियो बना लिये। इसके बाद जबरन कार में बंधक बनाकर प्रमोद को ले गए। रास्ते में उन्हें बुरी तरह पीटा। उनके पास से 45 हजार रुपये भी लूट लिये। साथ ही इन फोटो को प्रसारित करने की धमकी के नाम पर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी। पुलिस ने दो दिन बाद ही घटना का पर्दाफाश कर तीन आरोपी पकड़ लिये थे। लेकिन उस समय घटना में प्रयुक्त कार बरामद नहीं हुई थी।