अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी Twitter ने केंद्र सरकार के उस आदेश का पूरी तरह से पालन करने में अनिच्छा जताई है, जिसमें सरकार ने प्लेटफॉर्म से 1,178 हैंडल्स को हटाने को कहा था. सरकार ने कहा था कि ये हैंडल्स पाकिस्तान समर्थित, खालिस्तान समर्थकों के और विदेशों से ऑपरेट किए जा रहे थे और किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक और भड़काऊ सामग्री फैला रहे थे. हालांकि, ट्विटर ने बुधवार को सरकार से कहा है कि उसके आदेश, भारतीय कानूनों के अनुरूप नहीं हैं और वो कुछ अकाउंट्स को पूरी तरह हटाने की बजाय वो भारत में उसका एक्सेस खत्म कर सकता है.

ट्विटर ने एक ब्लॉग लिखा है, जिसमें सरकार को भी संबोधित किया गया है. इस ब्लॉग में ट्विटर ने बताया है कि उसने इस संबंध में क्या-क्या किया है. लेकिन साथ ही प्लेटफॉर्म ने ‘फ्री स्पीच और ओपन इंटरनेट’ की वकालत करते हुए यह भी कहा है कि ‘दुनिया भर में बहुत सी जगहों पर इनपर खतरा मंडरा रहा है.’

सरकार और ट्विटर के बीच में दिख रही इस तकरार के बीच सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सरकार ने ट्विटर से स्थानीय कानूनों का पालन करने को कहा है, वर्ना सरकार ने एक्शन लेने की चेतावनी दी है.

ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘ब्लॉक किए जाने के लिए चिन्हित अकाउंट्स को हमने भारत में अपने Country Withheld Content policy के तहत भारत में हटा लिया है, लेकिन ये अकाउंट भारत के बाहर चलते रहेंगे.’ ब्लॉग में आगे कहा गया है, ‘क्योंकि हमें नहीं लगता कि जो एक्शन लेने के हमें निर्देश मिले हैं, वो भारतीय कानूनों के अनुरूप हैं, और फ्री स्पीच और फ्रीडम ऑफ एक्सेप्रशन को सुरक्षा देने की हमारी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए हमने किसी भी न्यूज मीडिया संस्थान, पत्रकार, एक्टिविस्ट्स या नेता के अकाउंट के खिलाफ एक्शन नहीं लिया है. ऐसा करके हम भारतीय कानूनों के तहत मिले उनकी अभिव्यक्ति के मूलभूत अधिकार पर रोक लगा रहे होंगे.’

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