मोदीनगर की आशा ने पीठ पर बैठाकर दिव्यांग पति को हरिद्वार से मोदीनगर तक की कराई कावड़ यात्रा पूरी। बखरवा की आशा ने जीवनसाथी का धर्म निभाया। इस तरह पत्नी का प्रेम देखकर लोगों ने मंगलवार को मोदीनगर मेें आशा का ढोल-नगाड़ों से जोरदार स्वागत किया। उन्हें फूलमाला पहनाकर शुभकामनाएं दी। आशा के कार्य को सराहनीय बताते हुए लोगों ने पूरे दिन इंटरनेट मीडिया पर वीडियो भी प्रसारित किये। मोदीनगर के गांव बखरवा की आस्था के पति सचिन की एक साल पहले हादसे के दौरान स्पाईन में परेशानी आ गई थी। स्पाईन की सर्जरी कराई, जिसके बाद दोनों पैर चलने बंद हो गए। पति की इच्छा थी कि वह कांवड़ यात्रा करें। इसपर पत्नी आशा ने उन्हें कावंड़ यात्रा कराने का मन बनाया। आशा अपने दो बच्चे व पति के साथ दस दिन पहले हरिद्वार निकल गई। पति को कंधे पर बैठाकर उन्हाेंने हरिद्वार से लेकर मोदीनगर का सफर तय किया। गंगाजल बच्चों के हाथ में था। आशा के कार्य की सभी ने सराहना की। मंगलवार दोपहर वे मोदीनगर की गोविंदपुरी पहुंची तो लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। आशा ने बताया कि महादेव की कृपा से उन्हें यात्रा में कोई परेशानी नहीं आई। महादेव की शक्ति ने उन्हें भटकने नहीं दिया।