मजदूरों के परिजनों ने 12 घंटे किया हंगामा प्रदर्शन, मुआवजा मिलने पर निपटा मामला

मोदीनगर भोजपुर के गांव औरंगाबाद दौड़ी में शुक्रवार की सुबह करीब चार बजे नोद॑स्टेनं रचर एंड रॉल्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी का बॉयलर तेज धमाके साथ फट गया। हादसे में बॉयलर के पास ही काम कर रहे तीन मजदूरों की मौत हो गई और एक घायल हो गया। मजदूरों के परिजनों का आरोप है कि बॉयलर के नट बोल्ट चार दिन से खराब थे। शिकायत पर भी ठीक नहीं कराए गए। इस जानलेवा लापरवाही पर गुस्से में आए मजदूरों और उनके परिजनों ने सुबह पांच से शाम के पांच बजे तक हंगामा प्रदर्शन किया। इसके बाद फैक्टरी मालिक की ओर से मृतक आश्रितों को 5.50-5.50 लाख रुपये तत्काल मुआवजा दिया गया। इस पर हंगामा शांत हुआ। सहमति बनी कि इस मामले में केस दर्ज नहीं कराया जाएगा।मोदीनगर के रहने वाले अनमोल, नीना और मीनू पंसारी की इस फैक्टरी में लोहे के घेरे (रोल) बनाकर उन पर रबर चढ़ाने का काम किया जाता है। हादसे में भोजपुर के गांव मुकीमपुर निवासी योगेंद्र कुमार (47), मोदीनगर की कृष्णानगर कॉलोनी निवासी अनुज कुमार (26) और गौतमबुद्धनगर के जेवर के गांव जहांगीरपुर निवासी अवधेश कुमार (21) की मौत हो गई। तीनों बॉयलर के नजदीक काम कर रहे थे। थोड़ी दूरी पर मौजूद निवाड़ी के गांव सुहाना निवासी लक्की घायल हो गए। धमाका बहुत जोर से हुआ। बॉयलर के टुकड़े छत और दीवार तोड़कर बाहर निकल गए। फैक्टरी के अंदर मलबा फैल गया। दमकल कर्मियों ने बड़ी मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला।

*बॉयलर के आपरेटर छुट्टी पर थे मजदूरों से जबरन कराया काम*

मोदीनगर बॉयलर फटने की वजह फैक्टरी प्रबंधन की लापरवाही रही। यह आरोप मजदूरों ने लगाया है। उनका कहना है कि बॉयलर में खराबी की शिकायत की न केवल अनदेखी की गई बल्कि जोखिम का पता होने के बावजूद मजदूरों को काम करने के लिए भी कहा गया।
घटना के चश्मदीद मजदूर लक्की ने बताया कि चॉयलर के नट बोल्ट चार दिन से खराब थे। कई बार फैक्टरी संचालक, प्रबंधक और फोरमैन से नट बोल्ट ठीक कराने के लिए कहा गया। उन्होंने खराबी को अनदेखा कर दिया और ऐसे ही काम करने के लिए कहा। लक्की का कहना है कि अगर समय से नट बोल्ट ठीक करा दिए जाते तो उनके साथी जीवित होते।
लक्की ने बताया कि मुरादनगर निवासी फुरकान और मोदीनगर के रहने वाले आजाद चॉयलर ऑपरेटर हैं। इंद के कारण दोनों ऑपरेटर छुट्टी पर चले गए। मजदूरों ने बिना ऑपरेटर के खराब बायलर चलाने के लिए मना किया था। उनसे जबरन बॉयलर चलवाया गया थी। फैक्टरी लगभग चार साल पहले शुरू हुई मजदूरों ने बताया कि फैक्टरी में सुरक्षा का कोई भी उपकरण नहीं था। बॉयलर पर प्रशेर मापक यंत्र नहीं था जिससे प्रशेर का पता लग पाता। अधिक प्रेशर के कारण बायलर फटा फैक्टरी दो शिफ्टों में चलती है। दिन में 15 मजदूर काम करते है, जबकि रात में पांच अवधेश ने दिन में काम किया था। शाम छह बजे वह पर जाने लगा। प्रबंधक ने उससे दो मजदूर छुट्टी पर होने के कारण रात में भी काम करने के लिए कहा। उसने मना किया तो प्रबंधक ने जबरन काम कराया। यह हादसे का शिकार हो गया।

मृतक मजदूरों के परिजनों और फैक्टरी संचालक के बीच वार्ता के बाद परिजनों ने कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया है। श्रमिकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। ज्ञानप्रकाश राय, एसीपी मोदीनगर

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