कांस्य पदक जीतने वाले शरद कुमार का स्पर्धा से एक दिन पहले घुटना मुड़ गया। वह दर्द से कराह रहे थे और यह भी उम्मीद नहीं थी कि वह मंगलवार को होने वाली ऊंची कूद के मुकाबले में खेल भी पाएंगे या नहीं। उन्होंने अपने पिता को फोन कर बताया कि वह चोटिल हो गए हैं कि और उनके खेलने की उम्मीद नहीं है। उनके पिता ने कहा कि हिम्मत नहीं हारो भागवत गीता का जाप करो सब ठीक हो जाएगा। शरद रात भर रोते रहे। किस्मत ने उनका यहां पीछा नहीं छोड़ा। जब कंपटीशन शुरू होने वाला था तभी बरसात शुरू हो गई। शरद बताते हैं कि यह बेहद खतरनाक स्थिति थी। उन्होंने बरसात के बारे में कंपटीशन डायरेक्टर से भी बात की, हिम्मत नहीं हारी और कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।

 

 

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