Modinagar दो साल पहले का आज ही का दिन जब भी जहन में आता है, तो सन्नाटा और खामोशी की तस्वीर आंखों में उतर आती है। कोरोना के खौफ के बीच वाहनों के पहिये थम गए थे और लोग पैदल ही घरों को लौट रहे थे। सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर थके हुए पांवों के छाले राहगीरों के दर्द को बयां कर रहे थे। सन्नाटे की चीरती एंबुलेंस की आवाजों से हर कोई डर गया था। 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू के ऐलान के बाद यही हालात थे। लेकिन अब सब कुछ बदल गया है। जागरूकता, सावधानी और वैक्सीन से कोरोना को मात देकर लोग अब जनजीवन रफ्तार पकड़ रहा है।
21 मार्च 2021 की शाम को हुआ था जनता कर्फ्यू का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 मार्च 2020 की शाम जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था। इसके बाद सब कुछ ठहर गया था। लोगों ने जीवन में पहली बार ट्रेनों के पहिये भी थमते देखे थे। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर सन्नाटा था। अब सब कुछ सामान्य है। बाजार, होटल, रेस्टोरेंट अब पूरी तरह खुल चुके हैं। कहीं कोई प्रतिबंध नहीं हैं।
त्योहार भी रंग में लौटे
होली का त्योहार इस बार कोरोना मुक्त माहौल में मनाया गया। लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। रंग कारोबार भी अच्छा रहा। कोरोना के बाद पहली बार ऐसा माहौल देखने को मिला है। पहले कोरोना की वजह से लोग डर कर त्योहार मना रहे थे।

स्वास्थ्य सेवाएं में हुआ सुधार
कोरोना संक्रमण की दो लहरों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण रोकने के व्यापक इंतजाम किए हैं। तहसील क्षेत्र के ब्लाक भोजपुर में आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है।
मोदीनगर के प्रमुख राज चौपले पर हमेशा रौनक रहती है। जनता कर्फ्यू के दौरान पहली बार सन्नाटा देखा गया था। वह समय डरावना था। कई लोग बीमारी से जंग हार गए।
विनोद माहेश्वरी, वरिष्ठ शिक्षाविद् मोदीनगर-
जनता कर्फ्यू और लाकडाउन के दौरान सभी लोग घरों में कैद थे। बीमारी का डर हर किसी को था। एक भी केस सामने आता था तो लोग उस तरफ जाना छोड़ देते थे।
अनिल बंसल, वरिष्ठ समाजसेवी
कोरोना काल में दवाओं की दुकानें खोलने के निर्देश थे। मास्क और सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए काम किया था। घर जाने में भी डर लगता था।

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