केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने और अपनी मांगों को लेकर अड़े किसान अब ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कल यानी 18 फरवरी को देशभर में ट्रेनों को रोकने का ऐलान किया है। टिकैत का कहना है कि रेल रोककर सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि रेलों को चलाया जाए। रेल रोको अभियान कल 12 बसे से 3 से 4 बजे तक रहेगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि, कल रेल रोको अभियान 12 बसे से 3-4 बजे तक रहेगा। हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं। अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले। गांव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे।

मालूम हो कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बीते 84 दिनों से लगातार जारी है। नए कानून के म महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान 18 फरवरी को रेल रोको अभियान (Rail Roko Campaign) शुरू कर रहे हैं। इस अभियान के लिए अब जब महज एक दिन का समय बाकी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि रेल केवल स्टेशनों पर ही रोकी जाएगी, बीच रास्ते में किसी भी रेल को रोका नहीं जाएगा। 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोको अभियान चलेगा।

राकेश टिकैत ने बताया कि किसान इंजन पर फूल चढ़ाकर रेल रोकेंगे और 3-4 घंटे के लिए जब तक रेल रुकेगी उस दौरान रेल में बैठे यात्रियों को किसानों द्वारा चाय नाश्ता करवाया जाएगा। वहीं रेल में बैठे यात्रियों को देश में बढ़ रही महगांई के बारे में भी बताया जाएगा। इसके साथ ही किसान जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं उनसे भी यात्रियों को अवगत करवाया जाएगा।

टिकैत ने रेल रोको अभियान की रणनीति साझा करते हुए कहा कि यूपी गेट पर आंदोलनरत किसान यहीं प्रदर्शनस्थल पर रुकेंगे। अन्य किसान अपने-अपने गांवों से नजदीकी रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। वहां पहुंच ये लोग 12 बजे से रेल रोकेंगे। रेल रोकने से पहले किसान इंजन पर फूल माला चढ़ाएंगे। इसके बाद यात्रियों को चाय-नाश्ता दिया जाएगा। यात्रियों के लिए खाने-पीने का सामान किसान अपने गांव से लेकर आएंगे।

भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत इन दिनों अपनी करोड़ों की संपत्ति को लेकर खासा चर्चा में है। राकेश टिकैत इस बात पर भी खासे नाराज हैं कि कुछ मीडिया समेत लोगों ने उनकी संपत्ति को लेकर गलत जानकारी प्रसारित की है। वो ऐसा करने वालों पर मानहानि का केस भी करेंगे। उनका कहना है कि आंदोलन का संपत्ति से क्या मतलब है?

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