Modinagar : वायु प्रदूषण के कारण सेहत पर पडने वाले असर की जब भी बात होती हैं, तो सबसे पहले श्वसन तंत्र को होने वाले नुकसान पर ध्यान जाता है। लेकिन शरीर का पहला सुरक्षा कवच त्वचा पर भी प्रदूषण का तेजी से असर पड़ता है, यहीं कारण है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण त्वचा संबधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल प्रदूषण के कारण 25 से 35 प्रतिशत त्वचा रोग और एलर्जी बढ़ी है।
प्रदूषित हवा कर रही हैं त्वचा को खराब
प्रदूषित हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों की वजह से पहले से कोई समस्या न होने पर भी त्वचा पर इसका असर पड़ता है। इन बारीक कणों की वजह से त्वचा पर जलनए मुहांसे, आंतरिक सूजन और रूखेपन की शिकायत पिछले कुछ समय में बढ़ी है। वहीं शहर में उड़ती धूल के कारण एक्जिमा जिसमें त्वचा पर लाल चकत्ते उभर कर उनमें खुजली की समस्या हो रही हैं।
जानें कैसे बचे प्रदूषण से
.शरीर में पानी की कमी न होने दें। इससे शरीर की गंदगी और विषैले पदार्थ आसानी से निकल जाते हैं।
.त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए माश्चराइजर के अलावा सीरम और सनस्क्रीन लोशन का भी प्रयोग करें। इससे प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक कण त्वचा में प्रवेश नहीं करेंगे।
त्वचा को दिन में दो से तीन बार साफ करना भी न भूले। इसके लिए अच्छे फेसवाश का इस्तेमाल करें।
प्रसिद्व त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ0 राजीव त्यागी का कहना है कि प्रदूषित हवा का असर सबसे पहले हमारी त्वचा पर पड़ता है। सर्दी के मौसम में बढ़ते वायु प्रदूषण ने त्वचा में रूखापन और जलन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसलिए इस समय त्वचा पर केमिकल युक्त उत्पादों का प्रयोग करने से बचना चाहिए। दिन भर प्रदूषित हवा में रहने में रहने के बाद सिर्फ फेसवाश से चेहरा साफ करना काफी नहीं है। गुलाब जल और क्लीजिंग मिल्क से चेहरा साफ करना सही रहेगा।