मोदीनगर। चुनाव आयोग द्वारा रैली और रोड शो पर पाबंदी के बाद चुनावी रंग जमाने के लिए राजनीतिक दल इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे हैं। हालांकि इसमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसे चुनाव के दौरान नेताजी की जुबान फिसलते ही, पुलिस केस दर्ज कर लेती है, वैसे ही इंटरनेट मीडिया पर कोई भड़काऊ या आपत्तिजनक पोस्ट डाली तो फंस जाएंगे।
चुनावी मौसम में नेताओं के इंटरनेट मीडिया अकाउंट की निगरानी के लिए पुलिस विभाग में बाकायदा इंटरनेट मीडिया सेल बनाई गई है। साथ ही सर्विलांस सेल टीम को भी इस कार्य में लगा दिया गया है। पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट को भी इसी कार्य में लगा दिया है। पुलिस के आलाधिकारियों ने बताया कि बनाई जाने वाली इंटरनेट मीडिया सेल में साइबर एक्सपर्ट तैनात किए गयें है, जो कि नेताजी के इंटरनेट मीडिया अकाउंट में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। मोदीनगर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के अकाउंट चिह्नित कर उसकी नियमित माॅनिटरिग की जा रही है।
प्रत्याशी व उनके समर्थकों को दी हिदायत
पुलिस क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक ऐसी पोस्ट न डालें, जिससे किसी धर्म, जाति, वर्ग और राजनीतिक दलों की भावनाएं आहत हों। साथ ही किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन से जुड़े पहलुओं की आलोचना वाली पोस्ट न डालने, प्रलोभन, भ्रामक वादों या किसी के अनैतिक आचरण वाली पोस्ट न करने की हिदायत दी है।
वायरल हो रहे संदेशों पर भी रखी जा रही नजर
इंटरनेट मीडिया सेल व सर्विलांस टीम इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे संदेशों पर भी नजर रख रही है। किसी भी प्रकार का गलत या भड़काऊ संदेश वायरल करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। थाना प्रभारी  निरीक्षक अनीता चैहान ने कहा कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी दल के उम्मीदवार या फिर उसके समर्थक द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई संदेश जातीय विद्वेष पैदा करने वाला या फिर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला मिला तो संगीन धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा।

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