साहिबाबाद
लिंक रोड थाना पुलिस ने घरों के बाहर खड़ी दो सौ से अधिक कारें चोरी करने वाले अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के सरगना समेत दो को गिरफ्तार है। उनके पास से चोरी की तीन कारें बरामद हुई हैं।
अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी पुलिस
पांच मिनट में मारुती की कारों के लॉक कर चोरी कर ले जाते थे। चोरी के वाहनों को गुजरात, आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बेचते थे। पुलिस गिरोह के फरार अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है।
पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि पकड़े गए आरोपित मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र के घोसीपुर का गुलफाम उर्फ कटोरा और पलवल हरियाणा का जाहुल है। इनके साथी डिग्गी मकबरा रेलवे रोड मेरठ का मेहराज और नहाल थाना मसूरी गाजियाबाद का पहलवान उर्फ मोहसीन फरार हैं।इनके कब्जे से चोरी एक बलेनो कार थाना लिंकरोड़ थाना क्षेत्र से चोरी, एक ब्रेजा थाना गुरुग्राम सदर हरियाणा से और एक स्विफ्ट कार दिल्ली से चोरी की गई थी।इन्हें सूर्य नगर चौकी क्षेत्र के रंगोली तिराहे से चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के सर्विलांस से बचने को अपनाया ये तरीका
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह लोग आपस में जंगी एप के माध्यम से बात करते थे। इसपर रजिस्ट्रेशन करते थे। फिर ओटीपी आने पर एक आठ डिजिट का नंबर बनाते थे। इसके बाद उस नंबर को आपस में साझा कर बात करते थे।
इसी से एक समूह बनाकर बात करते थे। यह नंबर पुलिस की जांच में ट्रेस नहीं होता था। यदि आपस में किसी के पकड़े जाने या छोड़कर जाने का शक होता था तो इस एप को डिलीट कर देते थे। उन्होंने यूट्यूब पर देखकर इस एप के बारे में जाना और उसपर बात करने लगे। पुलिस के सर्विलांस में नहीं आ सके।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया
कि वह मारुती की कारों को सबसे ज्यादा चोरी करते थे। कार का शीशा तोड़कर पांच मिनट में कार स्टार्ट कर ले जाते थे। पुश स्टार्ट वाली कार में अपने साथ इलेक्ट्रानिक सिस्टम लेकर चलते थे। लाक सिस्टम ब्रेक करके चोरी कर ले जाते थे।चोरी की गई कार को दो से तीन दिन के लिए, पार्किंग, सोयायटी के आसपास खड़ा कर देते थे। जब जीपीएस ट्रैकर मिलता था उसे डिस्कनेक्ट करते थे। फिर कार को वहां से उठाकर अपने ठिकानों पर ले जाते थे। गुलफाम पर 19 और जाहुल के खिलाफ 11 मुकदमे दर्ज हैं। फरार आरोपितों के पकड़े जाने पर पता चलेगा कि वह दूसरे राज्यों में किसको कारें बेचते थे।गुलफाम गिरोह का सरगना है। 2010 में उसके खिलाफ पहला चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ था। वह चारों मिलकर दिल्ली, हरियाणा व उसके आसपास के जिलों में सूनसान स्थानों, घर के बाहर खड़ी कारों को निशाना बनाते थे। मेहराज चोरी की गई कारों को गुजरात, आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बेचता था। इससे मिलने वाले रुपयों को आपास में बांट लेते थे। अभी तक दो सौ से अधिक कारें चोरी कर बेच चुके हैं