मोदीनगर
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) ऋषिकेश में तीन दिवसीय आईएसपीसीकोन की सेकंड इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को भारत के विभिन्न शहरों के अलावा नेपाल,इंडोनेशिया व खाड़ी देशों के चिकित्सकों के साथ ही नगर के चिकित्सक डॉ.नवनीत गुप्ता ने भी संबाेधित किया। कॉन्फ्रेंस में डॉ. नवनीत गुप्ता ने गठिया व अन्य बाय की बीमारियों के उपचार पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि कैसे शुरुआती दौर में जल्द डायग्नोसिस बनाकर इन मरीजों को गठिया बाय के गंभीर परीणामों से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे जांच के बाद मिप्सी (मिनिमली इनवेसिव पेन व स्पाइन इंटरवेंशन) की मदद से बाय के मरीजों को जल्द दर्द से राहत पहुंचाई जा सकती है। गठिया बाय व एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों में सैक्रोआईलाईटिस (कमर का दर्द) , टेनोसाईनोवाइटिस(उंगलियों का दर्द), टेनिस एल्बो (कोहनी का दर्द), प्लांटर फैशियाइटिस(एड़ी का दर्द), डिक्वेरवैन साइनोवाइटिस(कलाई का दर्द) व जोड़ों में सूजन-फ्लूड इकठ्ठा हो जाने जैसी गंभीर अवस्थाएं देखने को मिलती है। डॉ.नवनीत गुप्ता ने कहा कि प्लेटलेट रिच प्लाज्मा सांइस मानवता के लिए वरदान है। कॉन्फ्रेंस में ट्रॉफी देकर डॉ.नवनीत गुप्ता को सम्मानित किया।