उत्तराखंड में चाहे सड़कों का जाल बिच्छाने की बात हो रही हो लेकिन प्रखडं पुरोला का सांखार कामरा गांव अभितक गुलामी के समय का जीवन जी रहा है। जहां अभितक 21वीं सदी में भी सड़क नहीं पंहुची तो देखें पुरा मामला सरकार ने रोड कनेक्टिविटी को सर्वाधिक प्राथमिकता दी है। लेकिन सूदूरवर्ती क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने का दावा करने वाली सरकार की हकीकत से रूबरू होना है। तो सरकार का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सड़कों का जाल फैलाया है। 73 साल बाद भी उत्तरकाशी जिले के विकासखंड पुरोला सुदूरवर्ती गांव सांखाल कामरा गांव के लोग आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। विकास खंड पुरोला के ग्राम पंचायत सांखाल में मुख्यमंत्री घोषणा में 6 km घेडिया पुल से सांखाल गांव तक मोटर रोड स्वीकृत था परन्तु PWD पुरोला द्वारा घेडिया पुल से नाड़ा तक केवल 4 km मोटर मार्ग निर्माण कर मोटर मार्ग कार्य बंद कर दिया है। नाड़ा बैंड से सांखाल गांव तक केवल 2 km शेष है। जबकि पूरी सांखाल गांव अनुसूचित जाति की गरीब जनता है। विभाग द्वारा सांखाल गांव के लोगो की अनदेखी की जा रही है। नाड़ा बैंड से सांखाल गांव के बीच में आगे सड़क निर्माण कटिंग कार्य रोक दिया गया है। 8 साल बाद भी सड़क एक इंच आगे नहीं पढ़ पाई गांव निवासी संजय वर्मा ने बताया है कि 2018 में उत्तरकाशी जिलाधिकारी डॉo आशीष चौहान ने तत्कालीन सड़क निर्माण की गुहार लगाई थी जिलाधिकारी द्वारा लोनिवि पुरोला को इस संबध में तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
दिसंबर 2020 में संजय वर्मा समाज सेवी द्वारा उत्तरकाशी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को आवेदन पत्र दिया था। वहीं जिलाधिकारी द्वारा लोनिवि पुरोला को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके आज तक इस पर कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखाई दे रही है। पुरोला डिवीजन अधिशासी अभियंता धीरेन्द्र कुमार का कहना है कि नाड़ा बैंड से सांखाल गांव तक 2 km सड़क निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाकर शासन को भेज रहे है परन्तु आज तक कोई एस्टीमेट नहीं बना बता दे कि 2019 पंचायत चुनाव से पूर्व सांखाल, कामरा ग्रामीणों ने गांव तक सड़क नहीं पहुंचने पर पंचायत चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया था लेकिन प्रशासन के आश्वान के बाद ग्रामीणों ने चुनाव में भाग लेने पर राजी हो गए थे लेकिन आज पंचायत चुनाव को बीते हुए सवा साल का समय बीत चुका है और स्तिथि जैसी की तैसी बनी हुई है। सांखाल गांव के ग्रामीणों का कहना है कि गांव तक सड़क नहीं होने से काश्तकारो की फसल समय पर बाजार नहीं पहुंच पाती और आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। वहीं किसी के बीमार होने पर बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है कहीं बार गर्वती महिलाओं ने रास्ते में दम तोड रखा है छोटी सी इलाज के लिए 80km CHC नौगांव या पुरोला जाना पड़ता है।
संजय वर्मा का कहना है कि डिवीजन PWD पुरोला विभाग में कहीं बार मंत्रियों के लेटर पैड, विधायक व प्रभारी मंत्री जी का लेटर पैड कहीं बार लगा चुका हूं पर विभाग के लाफरवाई के कारण दफ्तर में लेटर पैड ही गायब हो जाता है ग्रामीण 8 सालो से डीएम से लेकर सीएम को ज्ञापन दे देकर थक चुके है कोई सुनने वाला कोई नहीं है।