छत्तीसगढ़ के एक इलाके में हाथियों का आतंक इस कदर फैला हुआ है कि लोग अब वहां अपनी बेटियों की शादी तक नहीं कर रहे हैं। मामला छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर इलाके का है। प्रतापपुर नगर पंचायत सूरजपुर जिले के अंतर्गत आती है। इस इलाके के ग्रामीणों का दावा है कि हाथियों के आतंक के कारण इलाके में शादियों को बंद कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में पिछले साल हाथियों के आतंक की गई डरावनी खबरें आईं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 2018 से 2020 के बीच छत्तीसगढ़ में हाथियों के हमले में 204 लोग मारे गए, जबकि राज्य में इसी अवधि के दौरान 45 हाथी भी मारे गए थे। पिछले साल अकेले सितंबर में छत्तीसगढ़ में हाथियों के हमले में 11 लोगों की मौत हुई थी।
इसी महीने 11 फरवरी को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के एक गांव के बाहरी इलाके में एक जंगली हाथी ने 46 वर्षीय एक महिला की हत्या कर दी। सूरजपुर वन मंडल के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) बी एस भगत ने बताया कि घटना घुई वन क्षेत्र के भेलकच्छ गांव में हुई, जहां पीड़िता गीता देवी गुरुवार को अपने खेत की ओर जा रही थी।
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत के दर्जनभर से अधिक गांवों में हाथियों का आतंक कोई नया नहीं है, ये करीब 15-20 साल से जारी है। हाथी आए दिन लोगों की फसलों व घरों को जहां नुकसान पहुंचाते हैं। सैकड़ों लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसी डर के चलते दूसरे क्षेत्र के लोग अब अपनी बहन-बेटियों की शादी हाथी प्रभावित क्षेत्र में करने से मना कर रहे हैं। दूसरे इलाके के लोगों का कहना है कि वे अपनी बहन-बेटियों को मरने के लिए उस क्षेत्र में नहीं भेजेंगे।