खराब मौसम में भी सब्जियां व फल ताजे मिलेंगे। अब विशेष मालगाड़ी से फल व सब्जियां दिल्ली में पहुंचनी शुरू हो गई हैं। शुक्रवार को दक्षिणी भारत से पहली किसान रेल दिल्ली पहुंची।

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से बुधवार को चली किसान रेल 35 किसानों को लेकर शुक्रवार सुबह आजादपुर मंडी के पास स्थित आदर्श नगर स्टेशन पहुंची। किसानों का स्टेशन पर स्वागत किया गया। दक्षिण भारत से टमाटर, केले, संतरे, पपीता, तरबूज और आम से लदी 10 डिब्बों वाली यह मालगाड़ी 2150 किमी की दूरी तय कर पहुंची।

रास्ते में माल गायब नहीं हो, देखेगी विशेष टीम
किसान रेल की निगरानी सघन तरीके से की जाएगी। ऐसा नहीं होगा कि रास्ते में ही माल गायब हो जाएगा। रेलवे यह सुनिश्चित करेगा कि रास्ते से माल गायब नहीं हो। इसके लिए एक स्पेशल टीम गठित की गई है।

उत्तर एवं उत्तर-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि दक्षिण भारत से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाली यह पहली किसान रेल है। भारतीय रेलवे ने किसानों की उपज को बड़े बाजारों तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह रेल शुरू की है। किसान रेल यह सुनिश्चित करेगी कि कृषि उपज देश के एक कोने से दूसरे कोने तक आसानी से पहुंच सके।

फलों के लिए मशहूर है अनंतपुर
अनंतपुर आंध्र प्रदेश का तेजी से विकसित होता फलों का केंद्र है। इस जिले में उत्पादित होने वाले 58 लाख मीट्रिक टन फलों और सब्जियों का 80 प्रतिशत से अधिक अन्य राज्यों विशेष रूप से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के बाजारों को भेजा जाता है। पहले यह उपज सड़क यातायात से ले जाई जा रही थी, जिसमें न केवल अधिक समय लग रहा था बल्कि मार्ग में उपज के खराब हो जाने का नुकसान भी किसानों को उठाना पड़ रहा था। कृषि उपज को सुरक्षित, भरोसेमंद और द्रुतगामी यातायात सुविधा उपलब्ध होने से न केवल किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा, बल्कि इससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।

आवक बढ़ने से भाव स्थिर रहेंगे
आजादपुर मंडी के आढ़तियों का कहना है कि किसान रेल वक्त पर पहुंचने लगेगी, तो मंडी में टमाटर, पपीता, मौसमी केला आदि की आवक बढ़ जाएगी। आढ़ती हरवीर सिंह ने बताया कि आवक बढ़ने से इसके भाव में भी अंतर पड़ेगा। मौसम खराब होने की स्थिति में सड़क परिवहन व्यवस्था ठप हो जाती है। कई बार देरी से पहुंचने के कारण फल-सब्जियां खराब भी हो जाते हैं, लेकिन किसान रेल चलने से इसके फायदे होंगे। फल और सब्जियों के भाव भी स्थिर रहेंगे। जब किसान सीधा यहां माल बेचने आएगा तो आढ़ती भी उससे कमीशन नहीं लेंगे।

राजीव चौधरी ने बताया कि वेंडर को जल्द ही यह सुविधा दी जाएगी। अगर वेंडर इस ट्रेन से किसानों को भी भेजना चाहे तो वह सफर कर मंडियों में अपने सामान को लेकर पहुंच सकते हैं। एक खास तरह का सेल भी तैयार किया गया है, जो किसान रेल की निगरानी करेगा। 

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