उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने वहलना स्थित एक फैक्टरी में छापा मारकर ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी पकड़ी। फैक्टरी में ऑक्सीजन की रिफिलिंग कर सिलिंडर 350 रुपये तक बेचा जा रहा था। फैक्टरी को सील कर दिया है।

लखनऊ से मिले निर्देश पर बुधवार शाम जिला औषधि निरीक्षक लवकुश ने मेरठ के ड्रग्स इंस्पेक्टर पवन कुमार शाक्या, सहारनपुर से ड्रग्स इंस्पेक्टर संदीप चौधरी और पुलिस बल के साथ बाबा गैसिस फैक्टरी में छापा मारा। फैक्टरी को ऑक्सीजन सिलिंडर की ट्रेडिंग का लाइसेंस मिला था, मगर यहां ऑक्सीजन की रिफिलिंग कर सिलिंडर अधिक दाम पर बेचे जा रहे थे।

ड्रग्स इंस्पेक्टर ने बताया कि यह फैक्टरी नई मंडी के पटेलनगर निवासी अंशुल कुच्छल और अंकुश कुच्छल की है। फैक्टरी का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी। रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी।

कोरोना काल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने पर ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है। ऑक्सीजन का सिलिंडर बाजार में 400 रुपये तक बेचा जा रहा है, जबकि उसकी कीमत 250 रुपये तक है। ऑक्सीजन की कालाबाजारी की लगातार शिकायत मिल रही थी। यह भी शिकायत मिल रही थी कि ट्रेडिंग वाले ही ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे हैं। यह शिकायत शासन तक भी पहुंच गई।

लखनऊ से मिले निर्देश पर बुधवार शाम को जिला औषधि निरीक्षक के साथ पुलिस बल को लेकर वहलना क्षेत्र में बाबा गैसिस फैक्टरी में छापा मारा। जांच में पाया गया कि इस फैक्टरी को प्रतिदिन 2000 ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति की जा रही थी।

 

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