Modinagar । लगभग डेढ़ साल के बाद कोरोना की बंदिशों से मुक्त होकर सहालग शुरू हो रहा है। घराती से लेकर बराती तक अब पहले की तरह शादी की खुशियों में झूमेंगे।
14 नवंबर से 15 दिसंबर तक सहालग की धूम रहेगी। इसको लेकर बेंक्वेट हाल स्वामियों, बैंडबाजा, हलवाई, प्रकाश व्यवस्था, घोड़ी बुग्गी समेत तमाम लोगों को रोजगार पहले की तरह सामान्य हो गया है। कोविड के बंधनों से मुक्त सहालग में अब वर व वधू पक्ष ने अपने हिसाब से निमंत्रण दिया है। सहालग में बेंक्वेट हाल फुल हो चुके हैं तो अन्य बुकिंग भी शुरू हो गई हैं। 14 व 15 नवंबर को सबसे बड़ा सहालग है। देवोत्थान से शुरू हो रहे सहालग को लेकर बेंक्वेट हाल स्वामियों ने तैयारी शुरू कर दी है। कोविड के बाद नए कलेवर में बेंक्वेट हाल के द्वार नजर आएंगे, इसको लेकर तैयारी की है। मोदीनगर में करीब तीन दर्जन से अधिक बैंडबाजे वाले हैं। कोविड काल में इनका कारोबार चैपट था। सीधे जयमाल और फेरे की रस्म हो रही थी। लेकिन, अब बरात चढ़त के लिए बैंडबाजे वालों की बुकिंग खूब हुई है।
कोविड में साधारण मेन्यू था, तो अब बढ़े व्यंजनः
कोविड काल में किसी तरह शादी हो जाए, इसी पर ध्यान केंद्रित था। मेहमानों की सीमित संख्या कोविड में निर्धारित थी। 50 से ज्यादा मेहमान नहीं बुला सकते थे। नाश्ता तो तमाम शादियों से गायब ही हो गया था। मुरादाबादी दाल, टिक्की, गोल गप्पे, चाऊमीन, डोसा समेत कई व्यंजन कोविड काल की शादियों में बहुत ही कम मिलते थे। कारीगरों की मानें तो अब कोविड के नियम लागू नहीं हैं तो घराती और बराती ने मीनू में नाश्ते व खाने के आइटम बढ़ा दिए हैं।
केशव गार्डन के कांउटेक्टर बिजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि सहालग 14 नवंबर से शुरू हो रहा है। डेढ साल बाद अब बिना बंदिश के बुकिंग हुई है। कोविड के बाद नया लुक देने के लिए भी बेंक्वेट को अलग अंदाज में सजाया जाएगा। बाके बिहारी बेंकटहाॅल हरेन्द्र शर्मा का कहना है कि इस बार 14 नवंबर से 15 दिसंवर तक जितने भी शुभ लग्न हैं, उस दिन बेंक्वेट हाल फुल हैं।
राजवीर सिंह ने बताया कि कोविड काल में मेहमानों की संख्या सीमित होने से हलवाई को भी औसत नहीं आ रहा था। अब सब सामान्य हुआ तो हमारा कारोबार पहले की तरह चल निकला है। महाराजा बैंड के मसूद अहमद का कहना है कि बैंडबाजे वालों का धंधा पूरी तरह चैपट था। लेकिन, हमने बैंड बजाने का अभ्यास जारी रखा। अगर नहीं रखते तो हम पार्टी को अच्छी सेवा नहीं दे सकते थे।