मोदीनगर। प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक छात्र व छात्राओं की पढ़ाई के लिए सरकारी खजाना खोल दिया है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम लिमिटेड ने प्रोफेशनल व जाॅब ओरियंटेड पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अल्पसंख्यक समाज के छात्र व छात्राओं को विदेश में पढ़ने जाने के लिए 30 लाख रुपये तक की ऋण की व्यवस्था की है। इसके लिए 15 जुलाई तक आवेदन स्वीकार होगा।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त पोषित शैक्षिक ऋण योजना के अंतर्गत प्रोफेशनल वजाब ओरियंटेड पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अल्पसंख्यक वर्ग मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, बौद्धए पारसी व जैन धर्म के पात्र ऐसे छात्र व छात्राएं जिनके परिवार की वार्षिक आय गरीबी रेखा के दोगुने से कम हो। शहरी क्षेत्र में उनके परिवार की आय एक लाख 20 हजार व ग्रामीण क्षेत्र में 98 हजार रुपये से अधिक न हो, वह उत्तर प्रदेश के निवासी हो, इसमें यह भी शर्त है कि उसका प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में प्रवेश खुले मुकाबले की परीक्षा से हुआ हो। ऐसे छात्र-छात्राओं को अधिकतम 20 लाख तक के शैक्षिक ऋण की व्यवस्था है। यानी चार लाख रुपये प्रतिवर्ष दिए जा सकते हैं। विदेश में शिक्षा ग्रहण करने पर 30 लाख रुपये तक शैक्षिक ऋण योजना से ऋण मिल सकता है। यह धनराशि अधिकतम पांच वर्षीय कोर्स के लिए तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध कराई जाएगी। जिन छात्र-छात्राओं को जरूरत है। वह निर्धारित प्रारुप पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन 15 जुलाई तक स्वीकार किए जाएंगे। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त होने वाले आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।  योजना के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी के लिए जिला अल्पसंख्यक कार्यालय गाजियाबाद में संपर्क किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार इस योजना में कुछ लोगों ने कोरोना काल में भी आवेदन पत्र दिए थे। उनके आवेदन भी अब इस योजना में शामिल कर लिए जाएंगे।

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