Modinagar । गांव रोरी मे समरवीर गोकुला सिंह जाट के 353 वंे बलिदान दिवस पर यज्ञ हवन किया गया और गोकुला के चित्र पर माला व पुष्प अर्पित किये।
बाबा परमेन्द्र आर्य ने अपने सम्बोधन मे कहा समर वीर गोकुल का बलिदान दिवस मनाने का उद्देश्य यहां है कि आने वाली पीढी उनके त्याग, तप, पराक्रम व बलिदान से प्रेरणा लेकर देश व समाज में हो रहे अत्याचार से लडना सीखें। उन्होंने औरंगजेब जैसे अत्याचारी शासक के विरुद्ध बगावत कर पूरे उत्तर भारत में सशस्त्र किसान क्रान्ति का बिगुल बजा दिया था और किसानों की एक सेना बना ली जिससे लड़ने के लिए मुगल सैनिक डरने लगे थे। आर्य ने गोकुला जाट की वीरता और साहस की गाथा सुनाई, उस दौर में कुछ महिलाओं ने अपना सतीत्व बचाने के लिए जो जौहर दिखाये उनके संस्मरण को सुनाया। डाॅ0 पूनम चौधरी ने उनके नाम पर सरकार की ओर से कोई योजना न चलाना, किसी सड़क का नाम भी नही रखने पर रोष जाहिर किया और कहा कि भारतीय इतिहास मे भी उन्हें नही पढाया जाता है। इस अवसर पर सरोज देवी, रामनारायण आर्य, सुभाष चेयरमैन, ज्ञानेन्द्र सिंह, सतेन्द्र, मुकेश, अमरजीत सिंह आदि मौजूद रहें।