Modinagar : बेसहारा लोगों के रहने के लिए शहर में पालिका प्रशासन द्वारा रैन बसेरे बने हैं। वहां गद्दे, कंबल की व्यवस्था है। इन सुविधाओं को दरकिनार कर ज्यादातर बेसहारा लोग डिवाइडर पर ही सोते हैं। ऐसे लोग न केवल अपनी जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि सड़क से गुजरने वाले वाहन चालकों की जान भी खतरे में डालते हैं।  सत्यता की जांच की तो पता चला कि कुछ बुजुर्ग व बच्चें रेलवे स्टेशन के निकट मुख्य मार्ग के बाहर डिवाइडर पर सोते दिखे। इनमें महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग भी थे।
इन लोगों से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्हें पता ही नही है कि रैन बसेरा कहा तैयार किया गया है। इस लिए भरी सर्दी में एक कंबल के सहारे डिवाइडर व दुकानों के  बाहर ही रात गुजारने को मजबूर है। इनमें ज्यादातर लोग कबाड़ का काम करने वाले हैं। वह जो कबाड़ खरीदते हैं, उसे इकट्ठा कर बेचते हैं। कबाड़ की रखवाली के लिए वह परिवार के साथ डिवाइडर पर सोते है। कई लोगों ने रैन बसेरे के बारे में जानकारी ना होने की बात भी कही है।
नगर पालिका परिषद् के अधिशासी अधिकारी शिवराज सिंह का कहना है कि पालिका का कार्य लोगों को रैन बसेरे में रहने के लिए सुविधाएं देना है। सभी रैन बसेरों में पर्याप्त इंतजाम हैं। लोगों को कई बार जागरूक भी किया गया है, फिर भी कुछ लोग रैन बसेरे के बाहर ही सोते हैं। ऐसा न हो, इसके लिए प्रचार प्रसार किया जायेंगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *