Modinagar : मोदीनगर से नोएडा़, गाजियाबाद, आनन्द बिहार, दिल्ली व ओखला आदि रूटों पर डग्गामार बसें बेरोकटोक दौड़ रही हैं। इससे न केवल यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है, बल्कि हर साल परिवहन विभाग के राजस्व को करोड़ों रुपये का घाटा हो रहा है। परिवहन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से डग्गामार बस संचालकों को कोई डर नहीं रहता।
अगर बात की जाये तो डग्मामार बसों के संचालन से परिवहन विभाग को बड़ा नुकसान हो रहा है। दिल्ली- मेरठ हाइवे पर करीब तीन दर्जन से अधिक डग्गामार बसें संचालित हैं। यह बसें नोएडा़, गाजियाबाद, आनन्द बिहार, दिल्ली व ओखला आदि रूटों पर ज्यादा दौड़ती हैं। स्थानीय रूटों पर भी इन बसों का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है। डग्गामार बसों में मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, वहीं घने कोहरे में बसों में न तो फागलाइट की व्यवस्था है और न ही रिफ्लेक्टर लगा है। बताया जाता है कि डग्गामार बसों के संचालन में परिवहन के कुछ कर्मचारी और स्थानीय पुलिस शामिल होती है। जिनकी सह पर बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। फिटनेस के नाम पर खानापूर्ति
रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों के टिकट राशि में ही बीमे का प्रीमियम शामिल होता है। हादसा होने पर यात्री को क्लेम दिया जाता है। लेकिन डग्गामार बसों में यात्री के साथ होने वाले हादसे में किसी प्रकार के क्लेम नहीं दिया जाता है। ऐसे में डग्गामार बस में यात्री का जीवन सुरक्षित नहीं है।
तीन दर्जन से ज्यादा डग्गामार बसें है सड़क पर
शहर के प्राइवेट व परिवहन निगम के बस स्टैंड गोविन्दपुरी व मोदीनगर से ही करीब 3 दर्जन से अधिक बसों का संचालन हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध कार्रवाई को लेकर पत्राचार किया जा रहा है। शीघ्र ही संभागीय विभाग के अफसरों के साथ डग्गामारों पर कार्रवाई की जाएगी।

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