Modinagar । अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल 146वीं जयंती धूमधाम के साथ मनाई। जिसमें कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाकर याद किया।
बताते चले कि इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। वह देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत करते हुये अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् के जिला सहप्रमुख प्रो0 अमर सिंह कश्यप ने बताया कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाड में हुआ। उन्होंने लंदन से वकालत की पढ़ाई की और अहमदाबाद में वकालत करने लगें। इस दौरान आजादी के कई आंदोलन चल रहे थे, जिनसे प्रेरित होकर उन्होंने भी स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होकर देश की आजादी में योगदान दिया। अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् की शहर अध्यक्षा कुसुम सोनी ने कहा कि सरदार पटेल ने 1918 में खेड़ा संघर्ष के दौरान अंग्रेजी सरकार का ध्यान खींचा, फिर 1928 में बारडोली सत्याग्रह के दौरान सफलता पूर्वक किसानों का नेतृत्व किया। इसी सत्याग्रह के बाद वहां की महिलाओं ने उन्हें सरदार की उपाधि दी थी। तहसील मंत्री विकास कश्यप ने कहा कि आजादी के बाद देशभर की रियासतों को एक कर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अखंड भारत का निर्माण करवाया था। उन्होंने करीब 562 रियासतों को साथ मिलाकर देश के एकीकरण का काम किया। प्रदेश कार्यकारणी सदस्य विपिन शर्मा ने बताया कि 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में सरदार पटेल का निधन हुआ। 1991 में मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस दौरान विजय ठाकुर, देवांश सोनी, मनीष राठौर, मंयक कुमार, नगर संयोजक वरूण सोनी, सार्थक आदि मौजूद रहें।