ज्योतिष जीवन को प्रशस्त करने का माध्यम है
मोदीनगर। ज्योतिष ग्रह नक्षत्रों पर आधारित विज्ञान है और इससे जीवन की कड़ियों का ताना बाना जुड़ा होता है। यदि वास्तव में ज्योतिष के महत्व को समझा जाए तो वह जीवन को प्रशस्त कर देता है। ये उद्गार, आज श्री पीतांबरापीठ सीकरीतीर्थ पर, राष्ट्रीय ज्योतिष परिषद द्वारा आयोजित कुंडली में शिक्षायोग कार्यशाला में दीप प्रज्ज्वलित कर, मुख्यअतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता और उद्योगपति सतेंद्र त्यागी ने ये व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि एक सही ज्योतिषी किसी भी सही परामर्श से जीवन में बदलाव ला सकता है। इसलिए ज्योतिष की शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय ज्योतिष परिषद के अखिल भारतीय अध्यक्ष ज्योतिर्विद आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने कहा कि ज्योतिष हर क्षण जीवन का ज्योतित करता है। यह सूर्य और चंद्र आदि की गति से होने वाले परिवर्तनों को बताने वाला विज्ञान है। ज्योतिष के माध्यम से अभिभावकों को बाल्यकाल में ही अपने बच्चों के शिक्षा योग पर परामर्श करना चाहिए। जिससे बचचों के शैक्षिक भविष्य का उचित निर्धारण हो सके। उन्होंने कहा कि सभी विज्ञान ज्योतिष पर ही आश्रित हैँ, क्योंकि ज्योतिष के साक्षी सूर्य चंद्रादि हैं। समस्त ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह नक्षत्र गतिमान हैं, जिनसे कर्मशीलता की प्रेरणा प्राप्त होती है।
ज्योतिषाचार्य आचार्य मुकेश जैन ने कहा कि ज्योतिष में कुंडली के चार भावों से शिक्षा के संबंध में निर्णय लिया जाता है। इंजीनियरिंग, वकालत, प्रबंधक आदि अलग अलग ग्रह योग से होता है।
लाल किताब विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य मधु मल्होत्रा ने कहा कि लाल किताब उपाय बताती है और कुंडली के पांच भावों से शिक्षा के विषय में जाना जा सकता है।
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र कंसल ने कहा कि ज्योतिष उपाय नहीं करता, लेकिन लक्षण बताता है। ज्योतिष बारिश में छाते का काम अवश्य करता है।
कार्यशाला में लगभग 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर निःशुल्क ज्योतिष परामर्श भी दिया गया।
इस अवसर पर संजय शर्मा, भारती शास्त्री, यथार्थ शेखर शास्त्री, आर्येन्दू शेखर शास्त्री, रूही राजपूत, अनिल कुमार, डॉ. अनिला सिंह आर्य, पिंकी चौधरी, मनोज भारद्वाज आदि उपस्थित थे।