हर खिलाड़ी का देश के लिए खेलने का सपना होता है। इसके लिए वह जी तोड़ प्रयास भी करता है। कई खिलाडिय़ों के सपने टूट जाते हैं, तो कई ऐसे भी भाग्यशाली होते हैं, जिनके सपने साकार हो जाते हैं। कोतवाली देहात जैसे छोटे से कस्बे से निकलकर राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बनना आसान नहीं होता, वनडे एवं टी-20 मैच खेलने के लिए 29 अगस्त को उड़ान भरेगी। बंगलुरू में एनसीए (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) का कैंप कर रही मेघना सिंह ने फोन पर बातचीत में बताया कि देश के लिए खेलना वर्षों से उसका सपना रहा है, उसे जब खुद के टीम में चयन होने की जानकारी मिली, तब वह खुद को हवा में उड़ता हुआ महसूस कर रही थी।

आस्ट्रेलिया में बेहतर प्रदर्शन करने को वह बेहद उत्साहित हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय दादा, माता-पिता, पूर्व कोच लक्ष्यराज त्यागी, जिला क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष नागेंद्र सारस्वत एवं सीनियर खिलाड़ी मानव सचदेवा को देती हैं। मेघना के पिता विजयवीर शुगर मिल में सिक्योरिटी गार्ड हैं और मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। चार बहनों एवं एक भाई में सबसे बड़ी मेघना ने बचपन में क्रिकेट खेलना शुरू किया। उनके दादा प्रेमपाल सिंह ने सबसे पहले उसकी प्रतिभा पहचानी। मेघना को क्रिकेट का ऐसा शौक लगा कि वह प्रतिदिन 25 किमी का सफर तय कर स्टेडियम पहुंचने लगी। कई घंटों तक लड़कों के साथ अभ्यास के बाद फिर 25 किमी का सफर तय कर जब वह घर लौटती तब आठ बज चुके होते थे। स्कूल के बाद स्टेडियम में अभ्यास। हर रोज यही क्रम चलता। मेघना सिंह वर्ष 2009-10 से लगातार यूपी अंडर 19 टीम का हिस्सा रही। वर्ष 2012-13 से महिला सीनियर (रणजी) के लिए चयन हुआ। रेलवे की ओर से खेलना शुरू किया। वर्ष 2014 से रेलवे सीनियर टीम का हिस्सा रही। 2020 में रेलवे सीनियर की चैंपियन बनी। 2019 में इंडिया ए की ओर से खेली। वर्ष 2020 में वैलोसिटी टीम की ओर से दुबई में आइपीएल में प्रतिभाग किया। बांग्लादेश के खिलाफ दो टी-20 मैच खेले।

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