मोदीनगर
शिक्षा पर सबका अधिकार है। मगर कुछ बच्चे शिक्षा से इसलिए महरूम रह जाते हैं कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती है। ऐसे बच्चों की शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का बीड़ा लक्ष्य ट्रस्ट ने उठाया है। दूस्ट के माध्यम से लक्ष्य पाठशाला चलाया जा रहा है। यह पाठशाला विशेष तौर से झुग्गियों के बच्चों की शिक्षित करने के मकसद से चलाई जा रही है। मोदीनगर में पिछले लंबे समय से पाठशाला संचालित है। ओर पिछले 4 साल से मेरठ में भी झुग्गियों में लक्ष्य पाठशाला की शुरूआत हो गई हैं। 52 से अधिक बच्चों को उनकी प्रतिभा के हिसाब से शिक्षा दे जा रही हैं।
मोदीनगर में लक्ष्य पाठशाला के बच्चे पढ़ाई करते हुए
लक्ष्य पाठशाला वर्ष 2015 से सुशिक्षित समाज का उद्देश्य लेकर इस महत्वपूर्ण कार्य में जुटी हैं। हाथ पकड़कर बच्चों को लिखना सिखाया जाता है। स्टेशनरी भी दूस्ट की तरफ से निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। ट्रस्ट की तरफ से संचालित लक्ष्य पाठशाला का संचालन करने वाली नीलू बताती है कि मेरठ में 4 साल पहले पाठशाला शुरू की गई है। मोदीनगर में वर्ष 2015 से पाठशाला चल रही है। मेरठ में कई जगह पर बड़ी संख्या में झुग्गियां है। नीलू बताती है कि झुग्गी में पाठशाला शुरू करने के दौरान काफी परेशानी सामने आई थी। अभिभावकों को शिक्षा का महत्व समझाया गया। इसके बाद अभिभावकों ने पाठशाला में बच्चों को भेजना शुरू किया। मोदीनगर में पाठशाला प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक चलती है। तो वहीं मेरठ में 9 बजे से 3 बजे तक चलाई जाती है लक्ष्य पाठशाला का मकसद है कि समाज का हर वर्ग शिक्षित हो। पाठशाला में बच्चे को तैयार किया जाता है।इसके बाद उसका स्कूल में दाखिला भी दूस्ट के माध्यम से कराया जाता है। स्टेशनरी से लेकर यूनिफार्म और ट्रांसपोर्ट सुविधा का खर्च भी ट्रस्ट ही वहन करती है। बच्चे की काचिलियत के आधार पर स्कूल प्रबंधन से बातचीत की जाती है और बच्चे का निश्शुल्क दाखिला कराया जाता है। नीलू बताती हैं कि अब तक सैकड़ों बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जा चुका है
लक्ष्य पाठशाला में सीखने के बाद अपनी कला का प्रदर्शन करते मेरठ के छात्र
लक्ष्य पाठशाला की संचालिका नीलू बताती हैं कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए ट्रस्ट की सामाजिक संस्थाओं से बातचीत चल रही है। किसी धर्मशाला, हाल और अन्य सार्वजानिक स्थान ऐसा मिल जाए. जहां का माहौल शिक्षा युक्त बनाया जा सकें। “नीलू राय लक्ष्य पाठशाला संचालक”….