गाजियाबाद

सिहानी गेट थाना पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर आरोप है कि यह संयोजित तरीके से श्री राम गौशाला लोहिया नगर में कथित गौ मांस रखकर उन्माद फैलाना चाहते थे जिससे कि गौशाला में इस साजिश की मुख्य सूत्रधार को मालिकाना हक मिल जाए। जब यहां बवाल हो तो उसका फायदा छाया शर्मा नाम की आरोपी और उसके पिता को हो जाए। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि महिला छाया शर्मा ने अपने पिता के साथ मिलकर इस पूरे षडयंत्र को रचा था। पुलिस ने दो अभियुक्त जिनके नाम योगेश चौधरी और शिवम है को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि हम दोनों ने शिवम के भाई ऋषभ के साथ मिलकर छाया शर्मा के कहने पर 12 तारीख की रात को साहिबाबाद के अर्थला इलाके से 8 किलो भैंस का मांस खरीदा गया इसके बाद उस मांस को चंडी मंदिर स्थित गौशाला में प्लांट कर दिया गया। जिसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से गौ रक्षक पवन तोमर को यह सूचना दी गई की गौशाला में गोवंश के अवशेष रखे गए हैं। जैसे ही सूचना गौ रक्षक को लगी उनके द्वारा पुलिस को यह सूचना दी गई कि मुझे इस नंबर से फोन आया है और फोन करने वाले ने यह जानकारी दी है कि गौशाला में गोवंश के अवशेष रखे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस पूरी तरह से एक्टिव हो गई और मौके पर पहुंच कर जांच शुरू की। मांस की जांच होने पर यह स्पष्ट हो गया कि वह गोवंश नहीं बल्कि भैंस के अवशेष हैं जो की अर्थला गांव से तकरीबन 8 किलो वजन के खरीदे गए हैं जिनकी कीमत इन्होंने 2 हजार 400 चुकाई है।
डीसीपी सिटी राजेश कुमार का कहना है कि इस पूरे मामले में अभी तीन अभियुक्त फरार हैं तीनों की जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी। फिलहाल गिरफ्तार इन दोनों को जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके पीछे की वजह गौशाला पर पूरी तरह से कब्जा करना था। गौशाला को लेकर पहले से तो पक्षों में विवाद चल रहा है। जिसके चलते यह लोग गौशाला पर कब्जा करना चाहते थे और धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते थे।

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