Modinagar रोरी गांव में विकास कार्यों में हुई अनियमितता के मामले में ग्राम प्रधान व सचिव की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दोनों के अधिकारों पर रोक लगने के बाद ग्राम पंचायत सदस्यों ने अब ग्राम प्रधान पर फर्जी प्रस्ताव तैयार कर उस पर फर्जी सदस्यों के हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।
मोदीनगर तहसील के गांव रोरी के 12 ग्राम पंचायत सदस्यों ने बीडीओ भोजपुर आशाराम सिंह से शिकायत कर आरोप लगाया था, कि गांव के विकास कार्यों में धांधली हो रही है। मौके पर कोई काम नहीं हुआ और ग्राम प्रधान व सचिव से मोटी रकम ग्राम पंचायत से खाते से निकाल ली। इस मामले की जांच के लिए बीडीओ ने पत्रावली तलब की। बीडीओ ने बुधवार को प्रकरण पर जांच बैठा दी और ग्राम प्रधान पूनम व ग्राम सचिव विपिन कुमार के अधिकारों पर रोक लगा दी। जो कार्य चल रहे थे, उनको भी जांच पूरी होने तक तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। अब ग्राम पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया है, कि ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलीभगत कर पेयजल का एक फर्जी प्रस्ताव तैयार करा लिया। इतना ही नहीं, इसमें 12 ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर भी खुद कर दिए। जबकि, वे ग्राम पंचायत समिति की किसी भी बैठक में शामिल होने नहीं गए और न ही उनको किसी ने इसके बारे में जानकारी दी। फर्जी प्रस्ताव की प्रति ग्राम पंचायत सदस्यों ने डीपीआरओ को भी दी। ग्राम पंचायत सदस्य 88 सीमा, मनोज, कमलेश, सुंदरलाल, महेश, इंद्रपाल ने बताया कि वे इस मामले में पुलिस अधिकारियों से मिलकर ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।

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