हरियाणा के रोहतक स्थित जाट कॉलेज के मेहर सिंह कुश्ती अखाड़े में पिछले सप्ताह हुई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हुए चार साल के एक बच्चे ने भी मंगलवार को दम तोड़ दिया, जिससे इस हत्याकांड में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर छह हो गई है।

रोहतक स्थित स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (PGIMS) में बच्चे का इलाज चल रहा था। उसके माता-पिता, मनोज और साक्षी मलिक शुक्रवार (12 फरवरी) को अखाड़े में हुई गोलीबारी के दौरान मारे गए पांच लोगों में शामिल थे। रोहतक पुलिस के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि लड़के की मंगलवार को मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सिर में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

कुश्ती कोच सुखविंदर को 13 फरवरी को इस हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा था कि हाल ही में कोच के खिलाफ कुछ शिकायतों के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। गोलीबारी में मारे गए लोगों में सतीश नामक एक कुश्ती कोच और एक महिला खिलाड़ी भी शामिल थे।

इस बीच समयपुर बादली थाना पुलिस को शनिवार को गश्त के दौरान इलाके में एक कार संदिग्ध हालत में घूमते हुए दिखाई दी। पुलिस ने उसे रोका तो वह कार से उतरा और भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन पुलिस कर्मियों ने पीछा कर उसे धर दबोचा। तलाशी के दौरान उसके पास से एक पिस्टल और पांच कारतूस बरामद किए। पूछताछ में उसने अपनी पहचान गांव बड़ौदा सोनीपत हरियाणा निवासी सुखविंदर के रूप में बताई और यह भी खुलासा किया कि उसने रोहतक के जाट कॉलेज अखाड़ा में पांच लोगों की हत्या की है। वह वहां पर कुश्ती कोच था। उसकी गिरफ्तारी की सूचना हरियाणा पुलिस को दी गई।

पुलिस के मुताबिक आरोपी सुखविंदर एक्स सर्विसमैन है। उसने स्नातक की पढ़ाई करने के बाद एनआईएस पटियाला से एक साल का कोर्स किया था। इसके बाद वह जाट कॉलेज में कुश्ती का कोच बन गया था। वह शादीशुदा है, लेकिन उसकी पत्नी उससे अलग रहती है। रोहतक पुलिस उससे पूछताछ कर जांच में जुटी है।

पूछताछ के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि पुलिस के हत्थे चढ़े इस आरोपी का मुख्य कोच मनोज मलिक से कुछ दिन पहले कहासुनी हुई थी। मनोज मलिक जाट कॉलेज में अखाड़े के मुख्य कोच थे। उनके साथ पत्नी और उनके बच्चे रहते थे। सुखविंदर वहां ऊपर की मंजिल पर रहता था। रात करीब साढ़े नौ बजे सुखविंदर ने मनोज और उसके परिवार के सदस्यों को गोली मार दी। वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की। इस पर उसने उन लोगों पर भी गोली चलाई और वहां से कार में सवार होकर फरार हो गया। मनोज मलिक जहां मुख्य कोच के पद पर थे, वहीं उनसे पहले सुखविंदर यहां का कोच था। यहां एक साल की ही अनुमति मिलती है। इस कारण दोनों के बीच रंजिश थी।

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