डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीएसटीआई) गाजियाबाद की टीम ने 362 करोड़ की टैक्स चोरी करने वाले तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 275 से अधिक फर्जी कंपनियों दस्तावेज अधिकारियों को मिले हैं, जिनसे 3189 करोड़ के फर्जी बिल काटे गए। दिल्ली से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट मेरठ में पेश किया गया, जहां से तीनों को विभाग की न्यायिक हिरासत में दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के विकासनगर से विपिन कुमार गुप्ता, मॉडल टाउन से उसके साथी योगेश मित्तल और टिंकू यादव को गिरफ्तार किया गया है। तीनों फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी बिल जारी कर सरकारी खजाने को चूना लगा रहे थे। इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के बाद इनकी जांच शुरू की गई। जांच के बाद शक के दायरे में आईं दो कंपनियों के ठिकानों पर अधिकारियों द्वारा छापा मारा गया। इस दौरान 200 से अधिक कंपनियों की फाइलें, मोबाइल फोन, डिजिटल सिग्नेचर, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पेन ड्राइव, ऑफिसों की चाबियां, चेकबुक, रबर की मोहरें बरामद की हैं। जांच के बाद अधिकारियों को पता चला कि इन कंपनियों का डाटा क्लाउड में सेव रहता है। डाटा एनालिसिस और साक्ष्यों से पता चला कि तीनों जालसाजों ने 275 कंपनियां बना रखी हैं, जो सिर्फ पेपरों में अस्तित्व में है। इन कंपनियों द्वारा 3189 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी किए गए। अधिकारियों को 362 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी मिली, जो तीनों मिलकर आईटीसी के तौर पर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग से वसूल चुके थे।

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