गाजियाबाद। कोरोनाकाल में रेलवे स्टेशन में सख्ती की गई तो ट्रेनों में लूट, चोरी करने वाले बदमाशों ने भी अपना ट्रेंड बदल लिया। ट्रेनों के एसी और स्लीपर कोच में चोरी व लूट करने के लिए बदमाश रिजर्वेशन करा रहे हैं। जीआरपी ने दो साल में नौ ऐसे नए गैंग को चिह्नित किए हैं, जिन्होंने चलती ट्रेनों में वारदात की हैं। इनमें कई गैंग ऐसे हैं, जो एसी कोच में वारदात कर रहे हैं। जीआरपी उनकी तलाश कर रही है। जिनके पास टिकट हो और उन्हें यात्रा करनी हो। ऐसे में बदमाशों ने भी स्टेशन तक पहुंचने के लिए तरीका बदल लिया। अब रिजर्वेशन कराकर यात्री के तौर पर बदमाश स्टेशन पर एंट्री करते हैं और वारदात को अंजाम दे रहे हैं। एक साल में करीब 20 से ज्यादा वारदातें हुई हैं, जब एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों की ज्वेलरी, मोबाइल, लैपटॉप और अन्य कीमती सामान चोरी हुआ है। स्लीपर कोच में वारदातों की संख्या कहीं ज्यादा है।
जीआरपी प्रभारी अमीराम सिंह ने बताया कि रिजर्वेशन कराकर इन गैंग के बदमाश ट्रेन में यात्री की तरह सवार होते हैं। टिकट होने से पुलिस भी संदेह नहीं करती। ट्रेन में कई घंटे बिताने के दौरान यह यात्रियों की रेकी कर लेते हैं। चार्जिंग पर लगे लैपटॉप, मोबाइल के अलावा महिलाओं की ज्वेलरी और पर्स उनके निशाने पर होते हैं। मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट उठाकर साथियों को देकर वह ट्रेन से बीच रास्ते में उतर जाते हैं। स्टेशन से पहले ही जो यात्री सामान लेकर कोच के दरवाजे पर खडे़े हो जाते हैं, उन्हें घेरकर बातों में उलझाकर उनके बैग से ज्वेलरी, नकदी या अन्य कीमती सामान चुराकर आउटर पर ही कूदकर भाग जाते हैं।
उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि गैंगस्टर एक्ट की जानकारी उसे मिल गई थी। डर की वजह से वह खुद ही कोर्ट पहुंच गया। नौकरी छूटने, धंधा बंद होने पर अपराध में आए युवा कोरोना काल में नौकरी छूटने और कामधंधा बंद हो जाने से भी कई युवा अपराध की दुनिया में उतर रहे हैं। जीआरपी प्रभारी ने बताया कि ट्रेनों में चोरी करने वाले एक बदमाश को पिछले बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए चोर दरभंगा निवासी दिलीप पांडेय ने बताया कि वह पहले ट्रेनों में वेंडर था। कोरोना काल में ट्रेनें बंद होने से काम बंद हो गया। इसके बाद उसने ट्रेनों में ही यात्रियों का सामान चुराना शुरू कर दिया। चोरी के आरोप में पकड़े गए बाराबंकी के रहने वाले रवि विश्वकर्मा ने भी बताया कि वह बीते साल तक मुंबई में काम करता था। कोरोना से वह घर लौट आया था, लेकिन अब मुंबई वापस जाने के लिए पैसा नहीं था। पैसों का इंतजाम करने के लिए उसने ट्रेनों में चोरी शुरू कर दी।
डेढ़ साल में जीआरपी ने ट्रेनों में चोरी करने वाले 9 नए गैंग को चिह्नित किए हैं। इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई है। ट्रेनों में बिना टिकट प्रवेश न मिलने पर इन गैंग के ज्यादातर बदमाश रिजर्वेशन टिकट लेकर ट्रेनों में सवार होते हैं और वारदात करते हैं। एक गैंग के बदमाश अभी फरार है, उनकी तलाश की जा रही है।