गाजियाबाद : कविनगर थानाक्षेत्र में मकान बेचने का झांसा देकर जीजा-साले ने 16 लाख रुपये ठग लिए। गांव सदरपुर निवासी पीड़ित सतीश ने रईसपुर निवासी अरुण व उसके साले विश्वजीत के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। पीड़ित का कहना है कि बैंक में बंधक मकान के दस्तावेज छुड़ाने के नाम पर आरोपी जीजा-साले ने उनसे 16 लाख रुपये ले लिए। आरोपियों ने न तो मकान का बैनामा किया और न ही रकम लौटाई।
कविनगर थानाक्षेत्र के गांव सदरपुर निवासी सतीश का कहना है कि उन्हें गोविंदपुरम के पास आवासीय कॉलोनी में एक मकान लेने की इच्छा थी। मूलरूप से थाना शिकारपुर, बुलंदशहर के गांव तैयापुर तथा हाल गांव रईसपुर निवासी अरुण उनसे दूध लिया करता था।इ सके चलते उनकी अरुण व उसके साले विश्वजीत निवासी स्वर्णजयंतीपुरम से जान-पहचान हो गई थी। सतीश का कहना है कि अरुण व उसका साला प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी करते थे। उन्होंने दोनों से मकान के बारे में बात की तो उन्होंने रईसपुर के सूर्या गार्डन में अपना मकान बताया। अरुण ने कहा कि उन्होंने उस मकान पर बैंक से लोन लिया हुआ है। सतीश के मुताबिक अरुण और उसके साले से 35 लाख रुपये में मकान का सौदा तय हो गया। मकान के कागज दिखाने के लिए कहने पर दोनों ने कहा कि दस्तावेज बैंक में बंधक हैं। अगर वह 16 लाख रुपये दे दे तो वह बैंक में जमा करके मकान के दस्तावेज छुड़ा लेगा।
रुपये लेते ही बदल गया आरोपियों का व्यवहार
सतीश का कहना है कि दोनों पर विश्वास करते हुए उन्होंने 27 फरवरी 2019 को 10 लाख रुपये आरटीजीएस से दे दिए और शेष 6 लाख रुपये अरुण कुमार को नकद दिए। इसके बाद आरोपी जीजा-साले ने उन्हें टरकाना शुरू कर दिया। जुलाई 2019 में वह अरुण के मकान पर गए तो वहां ताला लगा मिला। पूछताछ करने पर पता चला कि मकान बेचकर अरुण जा चुका है। अगस्त 2019 में वह अरुण के साले के पास गए तो अरुण भी वहां मौजूद मिला। मकान देने या रकम लौटाने की बात कहने पर दोनों ने साफ मना कर दिया और तगादा करने पर हत्या की धमकी दी। एसएचओ कविनगर नागेंद्र चौबे का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर अरुण व उसके साले के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

 

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