गाजियाबाद। जिले की सड़कों पर 300 से अधिक डग्गामार बसें दौड़ रही हैं। इनमें किसी के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है तो किसी के पास परमिट नहीं है। ऐसे भी हैं, जिनके पास दोनों नहीं हैं, फिर भी वह रूट पर चल रही हैं। यात्रियों से किराया वसूल रही हैं। 200 से अधिक बस ऐसी हैं, सड़क सुरक्षा सप्ताह के तीसरे दिन अमर उजाला की टीम ने सड़कों पर दौड़ रहीं डग्गामार बसों की पड़ताल की और नंबरों के आधार पर आरटीओ कार्यालय में जांच कराई तो यह चौंकाने वाली बात सामने आई। यूपी 16 एटी 3222 नंबर की बस रोडवेज बस के रंग में रंगी हुई है। यह बस गाजियाबाद से शुरू होकर दादरी, बुलंदशहर, अलीगढ़ और एटा तक जाती है। परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार इस बस की 25 जुलाई 2013 से फिटनेस नहीं हुई है और 2016 में फिटनेस अवधि खत्म हो गई। उसके बाद भी यह बस सवारियां ढो रही है। शहर के बीच से निकलकर यह बस लाल कुआं से होकर गुजरती है। मुकेश के नाम पर बस का पंजीकरण है। यूपी-14 एफटी 6681 नंबर की बस की फिटनेस एक सितंबर 2020 को समाप्त हो गई। फरवरी 2021 को परमिट खत्म हो गया। यह सिटी परमिट की बस है। बस गोविंदपुरम से हरसांव, हापुड़ चुंगी, पुराना और नया बस अड्डा होते हुए मोहननगर जाती है। बस समीर खान के नाम से पंजीकृत है। यूपी 12 टी 1043 नंबर की बस की फिटनेस 12 जनवरी 2021 को खत्म हो गई। परमिट 11 जुलाई 2020 को खत्म हो चुका है। यह बस एएलटी, लाल कुआं, एबीईएस कॉलेज, विजयनगर होते हुए खोड़ा के लिए सवारियां ढोती है। बस पर इन स्थानों को जाने के लिए बोर्ड भी चस्पा किया हुआ है। मदन सिंह राठौर के नाम से यह बस पंजीकृत है। यूपी 14 एचटी 9277 नंबर की बस राजनगर, हरसांव, गोविंदपुरम के लिए संचालित होती है। इस बस का परमिट 22 नवंबर 2020 को खत्म हो चुका है। उसके बाद भी बस रोज चल रही है। यह बस शिव चौधरी के नाम से पंजीकृत है।

रोडवेज को हर महीने 2.70 करोड़ का नुकसान
परमिट और फिटनेस न लेने पर परिवहन विभाग को लाखों रुपये राजस्व की हानि हो रही है। वहीं रोडवेज बसों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। क्योंकि जिन रूटों पर यह डग्गामार बसे संचालित हो रही हैं, उन रूटों पर रोडवेज की बसें चलती हैं। रोज डग्गामार बस तीन हजार रुपये का नुकसान पहुंचाती हैं। 300 डग्गामार बसें चल रही हैं। इससे एक महीने में रोडवेज को दो करोड़ 70 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।
डाटा हो रहा तैयार, करेंगे कार्रवाई
इस तरह की बसों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करेंगे। विभाग ऐसी बसों को सीज करने और जुर्माना लगाने के लिए डाटा तैयार कर रहा है। जिन बसों की परमिट और फिटनेस नहीं हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

 

 

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