Ghaziabad : कोरोना की जांच कराने वालों में सबसे ज्यादा कॉलेज के छात्र हैं। जांच कराने वाले कुल लोगों में ये 40 फीसदी हैं। इन्हें दाखिले लिए प्रमाणपत्र चाहिए। बगैर कोरोना जांच के प्रमाण पत्र बन नहीं रहा। ताज्जुब की बात ये है कि जांच की कुल संख्या में कोरोना के लक्षण वाले लोगों का प्रतिशत सिर्फ तीन है। बुखार, खांसी होने और सांस फूलने पर लोग डेंगू, मलेरिया की जांच तो करा रहे हैं, लेकिन कोरोना की नहीं। यह हाल तब है जबकि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लक्षण आते ही जांच कराने की अपील की जा रही है।
पिछले तीन महीनों में कोरोना की जांच भी कम हो गई है। अगस्त में रोज आठ हजार लोग जांच करा रहे थे। नवंबर में रोज का औसत छह हजार है। इस समय कोरोना जांच केंद्रों पर सिर्फ वही जांच करा रहे हैं जिनके लिए किसी न किसी कारण से अनिवार्य है। एमएमजी अस्पताल में सोमवार को सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक सिर्फ 96 लोग जांच कराने के लिए पहुंचे। इनमें लक्षण वाला एक भी नहीं था।जिले में संचालित 15 केंद्रों पर 2912 लोगों ने जांच कराई। इनमें सबसे ज्यादा कॉलेज में दाखिले के लिए प्रमाण पत्र वाले थे, दूसरे नंबर पर जेल में मुलाकात के लिए जांच कराने आए। मुलाकात के लिए निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि लोगों से अपील की जा रही है कि अगर किसी भी तरह का कोई लक्षण मिलता है तो इस समय कोरोना की जांच जरूर कराएं। किसी क्षेत्र, बाजार या सार्वजनिक स्थान पर कहीं भी कोरोना जांच के लिए शिविर लगवाना चाहते हैं तो हर समय टीम जाने के लिए तैयार है लेकिन जांच जरूर कराएं।

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