पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिम उत्तर प्रदेश से निकलकर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को बड़े फलक पर ले जाने की तैयारी चल रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान कर दिया है कि आने वाले दिनों में केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में ‘किसान महापंचायत’ आयोजित की जाएगी। इसी क्रम में किसान नेता राकेश टिकैत महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 20 फरवरी को ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित करेंगे। अब तक पश्चिम यूपी, हरियाणा-पंजाब और एनसीआर के इलाकों में ही महापंचायतें हो रही थीं, मगर अब इसका दायरा बढ़ाने में किसान संगठन जुट गए हैं।
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर 40 किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 20 फरवरी को होने वाली ‘किसान महापंचायत’ को लेकर जानकारी दी। एसकेएम के महाराष्ट्र के समन्वयक संदीप गिड्डे ने बताया कि राकेश टिकैत, युदवीर सिंह और एसकेएम के कई अन्य नेता 20 फरवरी को यवतमाल शहर के आजाद मैदान में आयोजित होने वाली ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘टिकैत महाराष्ट्र में किसान महापंचायत की शुरुआत यवतमाल से करना चाहते हैं, जहां कई किसानों ने आत्महत्या की है।’ किसान महापंचायत में विदर्भ और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से भी किसानों के आने की संभावना है। महापंचायत के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। यवतमाल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आयोजकों ने कार्यक्रम के लिए इजाजत मांगी है।
एक बयान जारी किसान संगठन ने कहा कि उसकी टीम राज्यवार महापंचायत के कार्यक्रम के लिए योजना बना रही है। किसान संगठनों ने इस कदम का ऐलान अपनी मांगों को लेकर 18 फरवरी को देशभर में चार घंटे के लिए ‘रेल रोको आंदोलन’ की घोषणा करने के एक दिन बाद किया। मोर्चा ने साफ कर दिया है कि जब तक विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता एवं उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी नहीं दी जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
प्रदर्शनकारी किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि आज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में महापंचायत होगी, इसके बाद 13 फरवरी को हरियाणा के बहादुरगढ़ में, 18 फरवरी को राजस्थान के श्री गंगानगर में, 19 फरवरी को राजस्थान के हनुमानगढ़ में, 23 फरवरी को राज्य के ही सीकर में किसानों की महापंचायत होगी। गौरतलब है कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के तीन सीमा स्थलों-सिंघू, टिकरी एवं गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 75 दिनों से प्रदर्शन् कर रहे हैं जिनमें अधिकतर पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।