तहसील कर्मचारियों की बढ़ेगी मुश्किल, कारण बताओ नोटिस जारी

मोदीनगर 35 साल से लापता किसान का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के प्रकरण में तहसील कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ सकती है। उनके खिलाफ तहसील प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि फर्जी तरीके से किसान की जमीन पर विरासत के आदेश किये गए है। इसलिए इन आदेशों को भी फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। विरासत जारी कराने में जिन कर्मचारियों की भूमिका रही होगी, उन्हें भी कार्रवाई के दायरे में लाने की अधिकारियों की तैयारी है। 30 अक्टूबर को निवाड़ी नगर पंचायत की तरफ से निवाड़ी के ही रामअवतार का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। लेकिन रामअवतार पिछले 35 साल से लापता हैं। उनके बेटे गिरीश त्यागी की भी मौत हो चुकी है। रामअवतार के नाम लगभग 10 करोड़ कीमत की कृषि भूमि है। आरोप है कि जमीन को हड़पने के मकसद से षडयंत्र रचा गया और फर्जी तरीके से रामअवतार का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। इसपर नगर पंचायत ईआे के फर्जी हस्ताक्षर भी किये गए। मामले में जांच हुई तो सच्चाई सामने आई। जिसके बाद ईओ ने तत्काल प्रमाण पत्र को निरस्त करा दिया। इसके बाद निवाड़ी थाने में सोनू त्यागी, सभासद अख्तर समेत चार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अब मामले में तहसील प्रशासन ने कार्रवाई सुनिश्चित की है। एसडीएम मोदीनगर डा. पूजा गुप्ता ने बताया कि लेखपाल और कानूनगो द्वारा निवाड़ी के खाता संख्या 227, 667, 772 व 773 भूमि पर विरासत के द्वारा नाम दर्ज कर दिए गए थे। अब मृत्यु प्रमाण पत्र के निरस्तीकरण के बाद इन खातों पर पारित विरासत आदेश को स्थगित कर दिया गया है ताकि संपत्ति का अविधिक क्रय- विक्रय ना हो सके। प्रकरण में विस्तृत जांच की जा रही है, जिसकी भूमिका सामने आएगी, उसपर कार्रवाई होगी।

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