मोदीनगर। कोरोना महामारी में बच्चों की ऑनलाइन क्लास बिन बुलाए खतरे की तरह साबित हो रही है। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कई गलत साइटों पर पहुंच जाते हैं। जिससे वो फेक आइडी वाले लोगों के संपर्क में आने के साथ ही गलत संगत में भी पड़ रहे हैं। पिछले छह माह में इस तरह के काफी मामले मानसिक रोग विशेषज्ञों के सामने आ चुके हैं। बच्चों की बातें सुनकर डाक्टर भी हैरान हैं। भले ही आप बच्चे को ऑनलाइन क्लास कराएं लेकिन, उनकी निगरानी जरूर करें। बच्चों को एकाकीपन का शिकार न होने दें। गुमसुम होने पर बच्चे से बातचीत करें और ज्यादा दिक्कत हो तो मानसिक रोग विशेषज्ञ से बात करें।

ये पड़ रहा असर
. मानसिक.शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
. शारीरिक दूरी के नियम के बाद बनी दूरी
. एकाकीपन का बच्चे हुए शिकार
. कमरे में अलग.थलग रहते हैं
गलत इंटरनेट साइट का बन रहे शिकार
. पार्न साइट के भी बन रहे एडिक्ट
. रातभर जागना दिन में सोना
. डर की भावना से मानसिक विकास रुक रहा
ये हो रही परेशानी
. डायबिटीज, हाईपरटेंशन
. एंजायटी का हो रहे शिकार
. डिप्रेशन में आ रहे बच्चे
. याददाश्त कमजोर
. हेडेक की दिक्कत
. माइग्रेन
. घबराहट
ये करें
. 30 मिनट की क्लास के बाद 30 मिनट रेस्ट
. बच्चे की ऑनलाइन क्लास हो तो अभिभावक निगरानी करें
. मोबाइल में चाइल्ड लाक करें
. अभिभावक बच्चों से बात करें
. पौष्टिक आहार दें
. बच्चों के शेड्यूल में खेल शामिल करें
. ब्रेकफास्ट लंच और डिनर समय से दें
. व्यवहारिक परिवर्तन पर बच्चों से बातचीत करें
ऑनलाइन क्लास के दुष्प्रभाव:
एकः (16) वर्षीय लड़की पढ़ाई में बेहतरीन थी। ऑनलाइन क्लास की वजह से अलग कमरे में रहती थी। इससे अकेलापन बढ़ गया। ऑनलाइन ऐसे अधेड़ उम्र के व्यक्ति के संपर्क में आ गई, जो बैंक में गार्ड था। उस गार्ड ने फेसबुक पर फेक आईडी से बातचीत शुरू की। मां को जानकारी हुई तो परिवार में खलबली मच गई। दोगुनी उम्र के शादीशुदा व्यक्ति के चक्कर में फंसने की वजह से लड़की के माता पिता भी पसोपेश में फंस गए। अब लड़की की काउंसिलिंग हो रही है। इसलिए अपने सामने बच्चों की ऑनलाइन क्लास ना कराएं।
ऑनलाइन क्लास दुष्प्रभाव:

दोः (19) वर्षीय युवक बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र ऑनलाइन क्लास ले रहा था। फेसबुक के माध्यम से गलत संगत वाले लड़कों के संपर्क में आ गया। इसके बाद वो स्मैक, डिक्ट हो गया। दिनभर खोया खोया रहने लगा। माता पिता को अहसास हुआ तो उन्होंने युवक को मानसिक रोग चिकित्सक से काउंसिलिंग कराई। युवक ने अपनी स्थिति के बारे में बताया तो डाक्टर, उसके परिजन भी हैरान थे। अब काफी परेशानी में है। लगातार युवक की काउंसिलिंग कराई जा रही है। पहले से कुछ बेहतर है। अभिभावक पूरी निगरानी कर रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञः वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डाॅ0 नीरज शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन क्लास की वजह से बच्चें कई तरह की दिक्कतों के शिकार हो रहे हैं। खराब खानपान के साथ ही गलत साइटों की वजह से उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। बच्चों के ऊपर ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना काल में बच्चों की दिनचर्या पूरी तरह बिगड़ गई है। दिन में सोना और रात में जागने की वजह से कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। बच्चों के मन में डर है। इसके लिए स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को ध्यान देना जरूरी है।

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