Home AROND US साहिबाबाद : कौशांबी पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर निजी बैंकों में खाते खोलकर पसर्नल लोन लेकर ठगी

साहिबाबाद : कौशांबी पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर निजी बैंकों में खाते खोलकर पसर्नल लोन लेकर ठगी

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साहिबाबाद : एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कौशांबी पुलिस को क्षेत्र के एक फाइनेंस कंपनी की ओर से शिकायत मिली थी कि एक व्यक्ति ने फर्जी आईडी लगाकर लोन के लिए अप्लाई किया है। इस पर पुलिस जांच में जुट गई। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मंगलवार को वैशाली स्थित अंसल प्लाजा के पास से चार शातिरों को गिरफ्तार किया। इनके नाम कुलदीप सिंह निवासी नीतिखंड एक, विनोद कुमार निवासी राहुल विहार विजय नगर, सुनील कुमार निवासी त्रिलोकपुरी दिल्ली और विनोद उर्फ आलोक निवासी मयूर विहार फेज-1 दिल्ली हैं। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वह लोगों के दस्तावेज ले लेते हैं। इसके बाद उनकी फोटो के स्थान पर अपने फोटो लगाकर एक साथ करीब पांच से छह निजी बैंकों में डायरेक्ट सेल्स एजेंसी के माध्यम से पसर्नल लोन के लिए अप्लाई करते हैं। पकड़े गए आरोपियों में कुलदीप फरीदाबाद के एक निजी बैंक के लोन विभाग में सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्य करता था। जिसे लोन के लिए पूरी जानकारी थी। आरोपियों ने बताया कि वे अब तक 20 से अधिक खाते खोलकर करीब पांच से छह बैंकों से करीब 2 करोड़ की ठगी कर चुके हैं।
यह हुआ बरामद
प्रिंटर, आधार कार्ड, टूरिज्म कार्ड, पहचान पत्र, दो स्टीकर भारत सरकार, 11 मोबाइल, 24990 रुपये, तेलंगाना सरकार का एक ऑफर लेटर, 153 फोटो, तीन डिस्क, 13 पेन कार्ड, 24 डेबिट कार्ड, 13 चेकबुक, 4 मोहर, 2 पेन ड्राइव, पासबुक, 11 पर्सनल लोन फार्म, पांच भरे हुए पर्सनल लोन फार्म, सर्विस रूल्स नियामावली।
ऐसे करते थे ठगी
सीओ इंदिरापुरम अंशु जैन ने बताया कि पूछताछ में शातिरों ने बताया कि वह निजी बैंकों के लोन विभाग में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों से मिले हुए थे। जो लोग बैंकों में पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते थे, उनके डाक्यूमेंट लेकर वह अपनी फोटो लगा देते थे। इसके बाद बैंकों में फर्जी सरकारी कंपनियों के आफर लेटर, सैलरी स्लिप लगाकर खाते खुलवाते थे। उस खाते में आठ से नौ माह तक रुपये डालते थे। ताकि खाते की सिविल बन जाए। इसके बाद डायरेक्टर सेल्स एजेंसी के माध्यम से एक साथ कई निजी बैंकों में पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर देते थे। बैंक की ओर से जो सर्वे करने आता था उसकी मिलीभगत से वैरिफिकेशन भी पूरा करा लेते थे। लोन मिलने के बाद कुछ समय तक किश्त भरते थे। इसके बाद अपना स्थान बदलकर फरार हो जाते थे। सीओ ने बताया कि पुलिस बैंक के कर्मचारियों और सर्वे करने वालों की भी जांच कर रही है।

 

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