Modinagar । चुनावी सगर्मियों के साथ ही अब मोदीनगर विधान सभा क्षेत्र से भी सभी राजनीतिक पार्टीयों में संभावित प्रत्याशी टिकट पाने की जुगत में लग गयें है। राष्ट्रीय लोकदल व समाजवादी पार्टी का गठबंधन फाइनल होने के बाद से रालोद के नेताओं ने अपनी राजनीति जमीन पर गतिविधियां तेज कर दी है।
मोदीनगर विधान सभा सीट पर रालोद से टिकट के अगर दोवदारों की बात की जाये, ंतो फिलहाल पांच नेताओं जिनमें पूर्व विधायक पं0 सुदेश शर्मा, बसपा से पूर्व विधायक रहे मास्टर राजपाल सिंह सुपुत्र व ब्लाक भोजपुर के पूर्व प्रमुख विपिन चैधरी, जगत सिंह दौसा व युवा रालोद के जिलाध्यक्ष कपिल चैधरी फिलहाल 4 लोगों के नामों पर चर्चा जारी है। इन लोगों ने टिकट के लिए आवेदन कर रखा है। मोदीनगर विधान सभा सीट को रालोद का गढ़ माना जाता है, लेकिन भाजपा लहर में गतविधान सभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी डाॅ0 मंजू शिवाच ने विरोधियों को पटखनी देने का काम किया था, वही डाॅ0 मंजू शिवाच की कार्य प्रणाली पर कई सवालियां निशान पैदा होने से मतदाताओं में खासी नाराजगी देखी जा रही है। इस बार यंहा से रालोद ने दम भरना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह है कि इस बार किसानों के आंदोलन की लड़ाई से मजबूत हुई रालोद का असर क्षेत्र में बढ़ा है। रालोद व सपा गठबंधन होने के चलते इस बार कयास लगायें जा रहे है कि यह सीट रालोद के खाते में जाने की उम्मीद है। रालोद से मिली जानकारी को अगर सच मानें तो सपा व रालोद के बीच सीटों का गठबंधन होने के बाद जल्दी ही विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा पार्टी हाईकमान करेंगे, ताकि प्रत्याशी चुनावी तैयारियों में जुट जायें। हालांकि संभावित प्रत्याशी पूर्व विधायक पं0 सुदेश शर्मा, विपिन चैधरी, जगत सिंह दौसा व कपिल चैधरी क्षेत्र में पहले से ही मेहनत कर रहे है। इधर, लोगों का मानना है कि पार्टी ऐसे व्यक्ति को चुनाव लड़ाएं जो जनता के बीच रहा हो।
भाजपा में बैचेनी
वही शहर भाजपा संगठन में आपसी गुटबाजी के चलते इस बार भाजपा संभावित प्रत्याशी की अगर बात की जायें तो विधायक डाॅ0 मंजू शिवाच तो टिकट की दावेदारी में शामिल है ही, वही संगठन से वरिष्ठ भाजपा नेताओं में पुष्पेन्द्र रावत, पूर्व पालिकाध्यक्ष पं0 रामआसरे शर्मा, डाॅ0 पवन सिंघल, सतेन्द्र त्यागी, नवेन्द्र गौड, पूर्व ब्लाक प्रमुख कृष्णवीर सिंह, ब्रजपाल सिंह तेवतियां, मुरादनगर विधान सभा सीट से विधायक अजित पाल त्यागी के नामों की चर्चा है।
आपसी गुटबाजी पड़ेगी भारी
पार्टी से जुड़ें लोगों का मानना है कि इस बार भाजपा की आपसी गुटबाजी महंगी पड़ सकती है। पार्टी संगठन में ब्लाक प्रमुखी के चुनावों में गुटबाजी के चलते जमकर घमासान नजर आया था। भाजपा का एक गुट जंहा एक अन्य दावेदार को अपना समर्थन करता नजर आया था, वही एक दूसरा गुट बर्तमान ब्लाक प्रमुख श्रीमती सुचेता सिंह के समर्थन में था, सुचेता सिंह द्वारा पार्टी संगठन के कार्याें में अहम भूमिका निभाने व पार्टी की गतिविधियों में संलिप्त रहने के परिणाम स्वरूप पार्टी हाईकमान ने सही समय पर सही निर्णय ले गुटबाजी को समाप्त करने का प्रयास किया।