अक्षय हत्याकांड में पुलिस केस की गुत्थी लगभग सुलझाने की कगार पर है पुलिस के मुताबिक 17 मार्च 2020 को विकास दीपक उर्फ चिंटू एवं पप्पू गुर्जर न्यू अशोक नगर दिल्ली में तमंचे के साथ पकड़े गए थे जिनकी जमानत करा दी गई थी जिसमें पप्पू गुर्जर की जमानत ससुराल पक्ष ने एवं दीपक उर्फ चिंटू निवासी फफराना की जमानत पूर्वी दिल्ली पुलिस में तैनात हेड कांस्टेबल ने कराई थी इसी बीच जमानत पर बाहर आने के बाद इन्हीं दोनों के द्वारा मृत दीपन की डेढ़ बीघा जमीन 11 लाख 30 हजार की भी बिकवा दी गई थी जिसका पुलिस ने खुलासा कर दिया इसके बाद मिलकर उन पैसों को अनुराग त्यागी एवं एक और शूटर को हत्या के लिए दिए गए इन शूटरों ने पैसे के एवज में 24 अगस्त शाम को अक्षय पुत्र राजेंद्र की तिबडा रोड कृष्णाकुंज में 9 गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मंडोला जेल से रची गई थी हत्या की साजिश आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार होना भी साजिश में था शामिल सोची समझी साजिश के तहत न्यू अशोक नगर में तमंचे के साथ गिरफ्तार होकर पैरोल पर बाहर आकर हत्या की साजिश कर दोबारा से जेल में पहुंच गए। इस सारे मामले में हत्या का मास्टरमाइंड दीपेंद्र उर्फ दिप्पू का जीजा विकास एवं उसकी बहन रूबी को बताया जा रहा है।

24 अगस्त को मोदीनगर गोलियों की तड़प से कांप उठा था जिसमें कृष्णाकुंज मैं रहने वाले अक्षय युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा भी काटा था जिसमें विधायक डॉ मंजू सिवाच आज के प्रति डॉक्टर देवेंद्र सिवाच एवं तिबडा ग्राम प्रधान पति आशीष चौधरी पर भी 120 बी के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी जांच के दौरान इन दोनों को पुलिस द्वारा क्लीन चिट दे दी गई।

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