गाजियाबाद। लोनी बॉर्डर इलाके में बुधवार को पांच लोगों की हत्या की सूचना ने पुलिस के होश उड़ा दिए। ईद के त्योहार के बीच सूचना फ्लैश होते ही पुलिस अधिकारी और दो थानों की पुलिस दौड़ पड़ी। घटनास्थल तस्दीक करने को कॉलर का फोन मिलाया। पहले तो कॉल रिसीव नहीं हुई और बाद में मोबाइल बंद हो गया। लोकेशन निकालकर पुलिस कॉलर तक पहुंची तो वह 8 साल की बच्ची निकली। पुलिस को देख बच्ची ने सॉरी अंकल कहते हुए गलती मान ली। एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने बताया कि बकरीद के चलते पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया था। दोपहर करीब ढाई बजे वह खुद सीओ के साथ लोनी इलाके में भ्रमण पर थे। इसी दौरान वायरलेस सेट पर लोनी बॉर्डर इलाके में पांच लोगों की हत्या की सूचना फ्लैश हुई। सुनते ही उन्होंने गाड़ी लोनी बॉर्डर क्षेत्र की तरफ दौड़ा दी। डायल-112 पर आई कॉल में बताया गया था कि सरकारी स्कूल के पास गली नंबर-3 में पांच लोगों की हत्या कर दी गई है। जल्दी आ जाइए। एसपी ग्रामीण के मुताबिक घटनास्थल पूरी तरह सटीक नहीं बताया गया था। इसके लिए सूचना देने वाले के मोबाइल पर फोन मिलाया गया। दो बार घंटी गई लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद मोबाइल नंबर बंद आने लगा। सिपाही से एसपी तक पता करते रहे घटनास्थल एसपी ग्रामीण ने बताया कि मोबाइल नंबर बंद होने के कारण लैपर्ड, चीता, पीआरवी के अलावा लोनी बॉर्डर एसएचओ को घटनास्थल पता लगाने में लगा दिया गया। मोबाइल पर बात न होने के कारण इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद लेकर लोकेशन निकाली गई तो वह लोनी बॉर्डर इलाके के बेहटा हाजीपुर की निकली।

साहब! हमारी बच्ची बहुत शरारती हैएसपी ग्रामीण का कहना है 8 साल की बच्ची ने परिजनों के मोबाइल से 112 नंबर डायल कर पांच हत्याओं की झूठी सूचना दी थी।  वहीं, बच्ची के परिजनों का कहना है कि वह उनकी बच्ची बहुत शरारती है। इसी शरारत में उसने फोन कर दिया। परिजनों का कहना है कि उन्होंने बच्ची को यह सिखाया था कि कोई भी घटना होने पर 112 नंबर मिलाना है। लेकिन, उन्हें यह पता नहीं था कि बच्ची हत्या की फर्जी सूचना दे देगी। एसपी ग्रामीण का कहना है कि 10 साल से कम उम्र होने के कारण बच्ची के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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