गाजियाबाद। प्रदेश सरकार ने 50 फीसदी बच्चों के साथ स्कूल खोलने का फैसला किया है। जिले के स्कूलों में कोविड-19 प्रोटोकोल के साथ 16 अगस्त से कक्षा छह से 12 तक के स्कूल खुलेंगे। देश के कई राज्यों में दो अगस्त से स्कूल खुल चुके हैं। सरकार के आदेश के बाद जिले के प्रबंधक और प्रधानाचार्यों ने स्कूल खोलने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं अभिभावकों ने तीसरी लहर का खतरा बताते हुए बच्चों को स्कूल भेजने से मना किया है। जुलाई में हुए एक सर्वे में भी 98 प्रतिशत अभिभावकों ने अपने बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं दिलाने पर जोर दिया था। स्कूलों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना नियमों का पालन कराना होगा। मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा। छात्रों को स्कूल आने के लिए उनके अभिभावकों की लिखित सहमति जरूर देनी होगी, बिना सहमति पत्र स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बच्चों को नहीं भेजेंगे स्कूल आने वाले समय में कोरोना के हालातों को देखते हुए

अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।पहले बच्चों की जिंदगी जरूरी है।ऑनलाइन कराएंगे पढ़ाई लगातार वैज्ञानिक बता रहे हैं कि अगस्त के बाद तीसरी लहर आने वाली है। उसको ध्यान में रखते हुए अभिभावक डरे हुए हैं। हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।  स्कूलों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों पढ़ाई की व्यवस्था करनी चाहिए। स्कूल खोलना अभी सरकार स्कूल खोलने में जल्दबाजी कर रही है। अभी स्कूल नहीं खोलने चाहिए। अधिकतर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं। यह बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और स्कूल खोलने के निर्णय को कुछ समय के लिए बदलना चाहिए। स्कूलों में कोरोना नियमों का पालन हो पाना संभव नहीं है। सरकारअनिवार्य रूप से बच्चों को स्कूल भेजने का करे आदेश सरकार ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है, लेकिन इसमें थोड़ा संशोधन की आवश्यकता है। अभिभावकों से बच्चों को बुलाने के लिए सहमति पत्र मांगे गए हैं। वह नहीं मांगकर कक्षा छह से 12 तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजने का आदेश जारी किया जाए। तभी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजेंगे।

 

 

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