गाजियाबाद। सीबीआई कोर्ट के जज रविंद्र प्रसाद ने डाकघर घोटाले में एक आरोपी एजेंट पायल गर्ग की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। बचाव पक्ष ने दलील दिया कि पति-पत्नी दोनों जेल में बंद हैं, जबकि आरोपी के छोटे-छोटे बच्चे हैं। गलत तरीके से मामले में फंसाया गया है। सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होते रहेंगे, इस लिए जमानत दी जाए। सुनवाई के दौरान आरोपी के अदालत में पेश नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया था, इसके बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए तो कुर्की का नोटिस जारी किया था। इसके बाद चार आरोपियों दीपक गर्ग, उसकी पत्नी एजेंट पायल गर्ग, रविंद्र और सहायक पोस्ट मास्टर जहीरूद्दीन को गिरफ्तार कर सीबीआई कोर्ट में पेश किया था। अदालत ने सभी को दस दिन पहले न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। वर्ष 2010 में नवयुग मार्केट स्थित प्रधान डाकघर और मोदीनगर डाकघर में करोड़ों रुपये के फिक्स डिपॉजिट (एफडी) घोटाला सामने आया था। इसमें डाकघर के उच्च अधिकारियों की शिकायत पर सीबीआई ने 2017 में मामला दर्ज जांच शुरू की थी। जिसमें पता चला था कि दोनों डाकघर में डाक कर्मचारियों ने खाताधारकों की फर्जी आईडी तैयार करके ग्राहकों द्वारा जमा की गई धनराशि फर्जी खाते खोलकर उसमें ट्रांसफर कर ली थी। इसमें सीबीआई ने सात लोगों को आरोपी बनाते हुए अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया था। तब से मुकदमा सीबीआई कोर्ट में चल रहा है।

 

 

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