गाजियाबाद। भाजपा प्रदेश कार्य समिति की वर्चुअल बैठक में पूर्व एमएलसी प्रशांत चौधरी व जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल के बीच मारपीट मामले में किरकिरी के बाद आखिरकार मंगलवार को समझौता हो गया। कार्यसमिति बैठक में हुए विवाद के पांच दिन बाद एमएलसी दिनेश गोयल और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की मौजूदगी में प्रयासों के बाद दोनों नेताओं ने मिठाई खिलाकर एक-दूसरे को गले लगाया। विवाद की समाप्ति के बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को पार्टी का अनुशासित सिपाही बताते ही अब कोई गिला-शिकवा नहीं होने की बात कही। प्रदेश कार्य समिति बैठक में मारपीट के बाद शुरू हुए विवाद और दोनों नेताओं के बीच सुलह में महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के साथ एमएलसी दिनेश गोयल,  घटना के तीन दिन बाद तक अस्पताल से डिस्चार्ज होकर लौटे जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल ने किसी भी प्रकार के समझौते से साफ इंकार कर दिया था।  कार्यसमिति की बैठक में हुए मामले को लेकर प्रदेश नेतृत्व ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। स्थानीय पदाधिकारियों ने प्रदेश नेतृत्व को मौखिक के साथ लिखित में घटना की विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी। पार्टी की बड़ी बैठक में हुए घटनाक्रम को लेकर जनपद के साथ प्रदेश स्तर पर खूब चर्चा के साथ जमकर किरकिरी हुई। कई दिनों तक पार्टी के पदाधिकारी व वरिष्ठ नेता दोनों नेताओं के बीच समझौते की स्क्रिप्ट तैयार करने मे जुटे हुए थे, लेकिन भाजपा नेता पवन गोयल मानने को तैयार नहीं थे। मंगलवार को पूर्व एमएलसी प्रशांत चौधरी के साथ भाजपा नेता जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल के लोहियानगर आवास पर पहुंचे। और कई दिनों से चले आ रहे विवाद पर विराम लग गया।

जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व पदाधिकारियों के साथ पूर्व एमएलसी अचानक से उनके आवास पर पहुंचे। पूर्व एमएलसी ने अपनी ओर से घटना के लिए खेद व्यक्त किया। पार्टी और वैश्य समाज के तमाम लोगों की मौजूदगी में खेद व्यक्त करने के बाद अब मामले में उन्हें पूर्व एमएलसी से कोई गिला शिकवा नहीं है। पूर्व एलएलसी प्रशांत चौधरी का कहना है कि जीडीए बोर्ड सदस्य के परिवार से हमारे पारिवारिक संबंध हैं। मामले को कुछ लोगों ने बेवजह का तूल दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों की मौजूदगी में हम दोनों के बीच सभी गिले शिकवे अब समाप्त हो गए हैं।

 

 

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