Home AROND US गाजियाबाद : इंद्रप्रस्थ योजना में 45 औद्योगिक सड़क से 20 फुट गहरे गड्ढे मिले

गाजियाबाद : इंद्रप्रस्थ योजना में 45 औद्योगिक सड़क से 20 फुट गहरे गड्ढे मिले

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गाजियाबाद। जिले में नए उद्योगों को बसाने की योजना जीडीए की लचर कार्यप्रणाली की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है। कोरोना की पहली लहर में जीडीए ने जून 2020 में इंद्रप्रस्थ योजना के बी-पॉकेट में 45 औद्योगिक भूखंड की नीलामी के जरिए बिक्री की थी। औद्योगिक यूनिट लगाने के लिए आवंटियों को सड़क, सीवर, बिजली, नालियों जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं। सड़क के नाम पर केवल मिट्टी डालकर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई है। ऐसे में आवंटी अब प्राधिकरण पर उनके साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा रहे हैं। सड़क से 15 से 20 फीट गड्ढा, मिट्टी इंद्रप्रस्थ औद्योगिक पॉकेट के आवंटियों ने जीडीए से सीवर लाइन, बिजली की लाइन के साथ योजना में स्ट्रीट लाइट लगाने, आईजीएल गैस की लाइन बिछवाने, पीने के पानी, सुरक्षा गार्ड की तैनाती सहित अन्य मांग की थी।

योजना में वर्तमान में सड़क निर्माण के लिए मिट्टी डालने का काम जारी है। ऐसे में औद्योगिक भूखंड अब सड़क से 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे में आ गए हैं। जमीन समतल कराने की बात से मुकरते हुए मिट्टी भराव का काम आवंटियों पर डाल दिया गया है। ब्याज दर में शासन की छूट का नहीं दिया गया लाभ आवंटियों का कहना है कि कोविड के दौर में प्रदेश में निवेश करने वाली नई उद्योग इकाइयों को प्रोत्साहन व राहत देने के लिए ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत करने का शासनादेश जारी किया गया था। इसके बावजूद उनसे 11 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूला जा रहा है। बीते दिनों उद्योग बंधु की बैठक में मामला उठाया गया था। ऐसे में उनकी ओर से पूर्व में दी गई अतिरिक्त ब्याज दर को समायोजित करने की मांग की गई है। सुविधाएं विकसित होेने तक रिजर्व राशि जोड़ पैसा वापस करने की मांग आवंटियों ने जीडीए से मूलभूत सुविधाएं विकसित होने व कब्जा दिए जाने तक आवंटियों से किस्त के रूप में अग्रिम भुगतान की राशि को न लेने की मांग की है। साथ ही प्राधिकरण की शर्तों के अनुसार भूखंड की 25 प्रतिशत रिजर्व राशि को छोड़कर बाकी राशि आवंटियों को ब्याज सहित वापस करने की भी मांग की है।

 

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