Modinagar विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले प्रचार सामग्री व कार्यकर्ताओं की आपसी बातचीत से गुलजार रहने वाले अधिकांश प्रत्याशियों के कार्यालयों पर चुनाव समाप्ती के बाद से ही सन्नाटा पसरा हुआ है। कुछ कार्यालय पर कार्यकर्ता पहुंच रहे है तो कहीं प्रत्याशी भी मतदान को लेकर चर्चा करते हुए नजर आ रहे हैं। गुरूवर को दैनिक करंट क्राइम मोदीनगर की टीम को प्रत्याशियों के कार्यालयों के नजारे कुछ इसी तरह नजर आए।
भाजपा प्रत्याशी डाॅ0 मंजू शिवाच का चुनाव कार्यालय हाइवे रोड उनके नीजी अस्तपाल व उसके निकट ही बनाया गया था। गुरूवार को कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ था। अब कार्यालय आम दिनों की तरह नजर आ रहा है। गंठबंधन प्रत्याशी पं0 सुदेश शर्मा के हाइवे के निकट कार्यालय पर रौनक है और लोगों को आनाजाना लगा हुआ है, उनके समर्थक सारे दिन जीत हार के गुणा भाग में लगे रहते है ओर 10 मार्च को होने वाली मतगणना की तैयारियों पर मंथन चलता रहता है। वहीं बसपा की प्रत्याशी डाॅ0 पूनम गर्ग का कार्यालय हापुड रोड बनाया गया था, यह कार्यालय पूर्णतय बंद हो चुका है। डाॅ0 पूनम गर्ग प्रत्येक दिन की भांति अपने मरीजों में मशुगल है। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी नीरज प्रजापित का कार्यालय भी हाइवे पर ही तेल मिल गेट से आगे बनाया गया था, जो अब बंद नजर आता है। चुनाव के बाद से उनके एक बड़ें समर्थक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष आशीष शर्मा के यहां पर कुछ कार्यकर्ता बैठे हुए नजर आते हैं। यहां पहले जैसी रौनक नहीं है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी हरेन्द्र शर्मा का चुनाव कार्यालय तिबड़ा रोड स्थित उनके आवास के बाहर ही बनाया गया था, यंहा रौनक दिखाई दी लेकिन, कुछ लोग मौजूद थे, जो आपस में गठबंधन व भाजपा प्रत्याशी की जीत हार पर चर्चा के साथ ही हरेन्द्र शर्मा को मिलने वाले वोटों पर चर्चा कर रहे थे। कई ऐसे नेता के कार्यालयों पर भी करंट क्राइम की टीम ने निरीक्षण किया जो नेता टिकट की दोवदारी में थे और उन्होंने अपने कार्यालय यंहा इस उम्मीद से स्थापित किए थे कि उन्हें टिकट मिल जायेंगा ओर वह चुनाव लड़ेंगे। जिनमें सबसे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता पुष्पेन्द्र रावत का नाम भी प्रमुख है उनका कार्यालय यंहा हाइवे स्थित नेहरा मार्किट में वर्तमान में भी स्थापित है। उनसे हुई बातचीत में रावत ने बताया कि उनका मकसद लोगों की सेवा व उनकी समस्याओं का समय रहते समाधान करना है वह निरंतर जारी है और भविष्य में वह लोगों के बीच रहकर कार्य करते रहेंगे। पार्टी के शीर्घ नेतृत्व के फैसले का वह आदर करते है। इसके अलावा भाजपा व गठबंधन से टिकट की दावेदारी करने वाले अधिकतर दावेदारों के कार्यालय बंद हो चुके है।

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