मोदीनगर न्यायालय के आदेश पर भष्ट्राचार अधिनियम के तहत भोजपुर थाने के तत्कालीन एसएसआई योगेन्द्र सिंह पंवार और एक अन्य दरोगा पूरन सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों पर आरोप है उन्होंने भोजपुर निवासी किसान सुरेन्द्र सिंह पर हत्या के मामले में समझौता करने का दबाव बनाया था और समंझौता करने से इन्कार करने पर उसे पकड़कर हवालात में बंद कर दिया था। छोड़ने के बदले उससे दो लाख रुपये रिश्वत मांगे थे। सुरेन्द्र के अनुसार एक लाख रुपये देने के बावजूद उसका शांतिभंग में चालान कर दिया गया था।
योगेन्द्र के खिलाफ पहले भी दर्ज हो चुकी है रिपोर्ट
भोजपुर थाने के तत्कालीन एसएसआई योगेन्द्र सिंह वर्तमान में अपराध निरीक्षक मसूरी हैं। योगेन्द्र सिंह के खिलाफ लगभग दो साल पहले भी रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। 2023 में महंत और उनके परिवार की पिटाई के मामले में न्यायालय के आदेश पर लोनी बॉर्डर थाने में योगेन्द्र पंवार समेत 35 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
भोजपुर गांव निवासी सुरेन्द्र सिंह किसान है। सुरेन्द्र की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार उनके भाई धर्मपाल सिंह की हत्या कर दी गई थी। परिवाद न्यायालय में चल रहा है। सुरेन्द्र के अनुसार मुकदमे की पैरवी वह खुद कर रहे हैं। 2 दिसंबर 2023 को वह खेत में काम कर रहे थे। तभी भोजपुर थाने में तैनात दरोगा पूरन सिंह जबरन उन्हें थाने ले गए। सुरेन्द्र सिंह का आरोप है कि दरोगा पूरन सिंह व तत्कालीन एसएसआई योगेन्द्र सिंह पंवार उन पर हत्या के मामले में समझौता करने का दबाव बनाने लगे। समझौता न करने पर चोरी के आरोप में जेल भेजने की धमकी दी और हवालात में बंद कर दिया था।
आरोप है कि छोड़ने के बदले दो लाख रुपये मांगे थे। उन्होंने किसी तरह एक लाख रुपये की व्यवस्था की। बकाया एक
लाख रुपये बाद में देना तय हुआ। रुपये लेने के बावजूद उनका शांतिभंग में चालान कर दिया गया था। इसके बाद आरोपी दरोगा उन पर बकाया एक लाख रुपये और हत्या के मामले में समझौता के करने का दबाव बना रहे थे। सुरेन्द्र ने भ्रष्टाचार अधिनियम न्यायालय मेरठ क मामले की शिकायत की। न्यायालय ने प्र दोनों आरोपी दरोगा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि उपनिरीक्षक पूरन सिंह व योगेन्द्र सिंह के खिलाफ भष्ट्राचार अधिनियम 1988 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।