Modinagar : उत्तर प्रदेश में चुनाव हों और जातियों की गणित न लगाई जाए ऐसा संभव नहीं है। मोदीनगर विधानसभा तो इससे अछूती कैसे रह सकती है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां और दावेदारों के राजनीतिक पंडितों ने अपनी पोटली खोल ली है। किस विधानसभा क्षेत्र में किस जाति के मतदाता कितने हैं, इसका हिसाब लगाया जा रहा है। हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नही की है। माना जा रहा है कि सभी पार्टी जातियों की गणित पूरी करने के बाद ही अपने प्रत्याशी तय करेंगी।
चुनाव की तारीखों का एलान अभी भले न हुआ हो। पार्टियों ने अपने प्रत्याशी अभी भले ही तय न किए हों। लेकिन चुनाव सरगर्मी इन दिनों पूरे जोर पर है। गांव गलियों की दीवारें बताने लगी हैं कि चुनाव आ गए हैं। जहां दीवारों पर संभावित प्रत्याशियों का प्रचार लिख गया है
गांव की चैपालों से लेकर चाय की दुकानों तक चर्चा चुनाव की ही है। ऐसे में दावेदारों का पूरा फोकस अपनी जाति के साथ ही दूसरी जाति के मतदाताओं को भी साधने में भी लगा है। मोदीनगर विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति, मुस्लिम, सैन, वैश्य, जाट और ब्राह्मण मतदाताओं पर दावेदारों की नजर है।
पार्टी कार्यकर्ताओं की जुबान पर आने लगे नाम
चुनावी चर्चा में अब प्रत्याशियों के नाम और जातियों की संभावनाएं सामने आने लगी हैं। मोदीनगर विधानसभा सीट पर जाट मतदाताओं की बड़ी संख्या है। ऐसे में रालोद व भाजपा जैसे पार्टियां इन मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं, इसमें सबसे आगे रालोद है। माना जा रहा है कि भाजपा किसी जाट प्रत्याशी व राष्ट्रीय लोकदल किसी ब्राहमण या जाट प्रत्याशी भी उतार सकती है। विधानसभा सीट पर जाट मतदाता सबसे अधिक है। जो किसी को भी जिताने या हराने का काम कर सकते हैं। वहीं भाजपा की अगर बात करें तो वह किसी भी जाति के मतदाताओं को टिकट दे सकती है। अपनी जाति के लिए क्या काम किया बताओ विधानसभा सीट पर प्रत्याशिता दावा करने वाले प्रत्याशियों से पार्टियां यह भी पूछ रहीं है कि उन्होंने अब तक अपनी जाति के लिए क्या किया। ऐसे में दावेदार पूर्व में किए गए कार्यों की रिपोर्ट बनाकर भी पेश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा ने तो इसके लिए आवेदन में ही उल्लेख किया है। वहीं उनके बड़े पदाधिकारी दावेदार के बताए कार्यों की पुष्टि भी कर रहे हैं।